विकास के झूठे शोर के अंदर का सच! ग्रामीणों ने श्रम दान से तैयार कर दी सड़क लेकिन नेताओं ने नहीं सुनी फरियाद

देवघर ।। देवघर जिला के मोहनपुर प्रखंड का मल्हारा पंचायत का मल्हारा गांव के लोग अब किसी नेता या अफसर के आगे फरियाद नहीं करना चाहते। देवघर में विकास के झूठे अखबारी प्रचार के बाद यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि देवघर अब विकास की दौड़ पर सरपट दौड़ रहा है लेकिन सच्चाई इससे उलट है। बुनियादी जरुरतों के लिए संघर्ष कर रहे लोग आज भी छले और ठगे जा रहे है। दरअसल दशहरा के बाद आज गुरुवार की शाम में मल्हारा में ग्रामीण मेला का आयोजन होता है। ठाढ़ी के लोग मल्हारा जाने के लिए दो-तीन किलोमीटर का पैदल सफर तय करते हैं जबकि ठाढ़ी से मल्हारा की दूरी महज 500 मीटर ही है। ग्रामीणों के अनुसार, इस रास्ते में दो जोरिया की वजह से घूमकर जाना पड़ता है। ग्रामीणों को उम्मीद थी कि सरकार से ओर से सड़क बनाई जाएगी। काफी दिनों तक सड़क बनने का इंतजार किया। मगर जब सड़क नहीं बनी तो ग्रामीणों खुद सड़क बनाने का निर्णय लिया। श्रमदान कर दो स्थान पर पाईप देकर पुल भी बनाया गया है। ग्रामीणों के अनुसार यह सड़क कई गांव को जोड़ती है। ग्रामीणों के अनुसार, विधायक, प्रखंड विकास पदाधिकारी, सांसद से अनुरोध किया गया पर आश्वासन ही मिला। ठाढ़ी के स्थानीय ग्रामीण इस बात से बेहद दुखी है कि चुनाव के समय वोट मांगने के लिए नेता उनके पैरों पर गिर जाते हैं, लेकिन जब चुनाव का परिणाम आ जाता है तो ये नेता अपना रुप तत्क्षण बदल लेते है। 

बहरहाल श्रमदान कर ग्रामीणों ने व्यवस्था को विकास की सच्चाई का पाठ पढ़ाया है, लेकिन अफसोस की बात यह कि लोगों के लिए सेवा का दावा करने वाले नेताओं और अधिकारियों पर शायद ही इन बातों से कोई फर्क पड़े।


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