सब्ज़ियों के दाम छू रहे आसमान,बिगाड़ा ज़ायका
- Hindi Samaachar
- Oct 17, 2019
- 97 views
सखी सइयाँ तो खूब ही कमात है, मंहगाई डायन खाय जात है
शाहगंज(जौनपुर) ।। इस समय जहां बाज़ार की कोई भी वस्तू मंहगाई से अछूता नही है तो आम और खास दोनों के प्रिय भोज्य पदार्थ सब्ज़ी ये कैसा अछूता रह सकता है।
इस समय सब्ज़ियों के दाम इतने बड़े हुए है की घर का बजट गड़बड़ा जा रहा है और पैसे कमाकर सब्ज़ियां खरीदने वाले और उन सब्ज़ियों का भोजन तैयार करने वाली गृहिणियों दोनों के लिए काफी दिक्कतें हो रही है।
एक फ़िल्म का गीत है की सखी सइयाँ तो खूब ही कमात है,मंहगाई डायन खाय जात है।बिल्कुल सटीक बैठती है।
नगर के पुरानी सब्ज़ी मंडी में फुटकर सब्ज़ियों के दाम ।
धनियां की पत्ती-200 रुपया प्रति किलो
लहसुन- 200 प्रति किलो
सोआ की पत्ती- 150
अदरक- 120
परवल- 100
बोड़ा- 100
हरि मिर्च- 80
बैगन-- 60
भिंडी-- 40
लौकी- 40
टमाटर- 40
पालक- 80
पत्ता गोभी--60 रुपया प्रति
कोहड़ा- 40
आलू - 20
सभी सब्ज़ियों के के दाम बुधवार को फुटकर सब्ज़ी मंडी में प्रति किलो के दाम से बिकी है।
अब इतने मंहगे सब्ज़ियों के दाम होने से मध्यम वर्ग से लेकर सभी वर्गों के घर का बजट और भोजन का ज़ायका बिगड़ गया है।
सब्ज़ी मंडी में सब्जी खरीदने आये शैलेश नाग ने बताया की इस समय सब्ज़ियों के दाम एकदम से आसमान छू रहे है मगर जीने के लिए तो खाना जरूरी है ।चारो तरफ मंहगाई की मार है जिससे घर का मासिक बजट बिल्कुल गड़बड़ा गया है।
बढ़ौना निवासिनी गृहिणी कृष्णावती कहती कहती है।इतना मंहगी सब्ज़ी से सबसे अधिक गरीब तबका प्रभावित है उनका कहना है की हम गरीब इतनी मंहगी सब्ज़ियां कैसे खरीदे।सरकार को इस मंहगाई पर लगाम लगानी चाहिए।
वही पेशे से किसान ग्राम गुवाई निवासी जिलेदार कहते है इस बार अधिक बारिश से सब्ज़ियों की पैदावार कम हुई और खेतों में नीलगायों से काफी फसल नष्ट कर देते है।मगर सरकार मंहगाई पर लगाम नही लगा पा रही है जिससे किसानों को भी इस मंहगाई से जूझना पड़ रहा है।
कुल मिलाकर इस समय हर आदमी सब्ज़ियों के बेतहाशा बढ़ते दामों से परेशान नज़र आया और सरकार को मंहगाई का जिम्मेदार ठहराते हुए मंहगाई पर लगाम लगाने की बात लोगो ने कहीं।
रिपोर्टर