8 को आ सकता है अयोध्या विवाद का फैसला

रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद. इस पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाने वाला है. सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच का फैसला आने वाला है. पर कब? ये सवाल सबके मन में तैर रहा है. तो इसके लिए कुछ तारीखें महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं.

 पहली तो है 8 नवंबर. शुक्रवार. खबरें आ रहीं हैं कि जुमे की नमाज के बाद साढ़े तीन बजे फैसला आ सकता है.

दूसरी तारीख हो सकती है गुरुपर्व यानी 12 नवंबर के बाद. यानी 13 से 16 नवंबर के बीच किसी भी दिन. ज्यादा संभावना 13 नवंबर या फिर 14 नवंबर को बाल दिवस पर फैसला आने की जताई जा रही है.

कोर्ट चाहे तो 16 नवंबर को शनिवार के दिन भी फैसला सुना सकता है. उस दिन फायदा ये होगा कि सुप्रीम कोर्ट में छुट्टी होगी. ना वकीलों का जमावड़ा होगा ना ही मुवक्किलों का. सुरक्षा व्यवस्था भी आराम से हो जाएगी. देश भर में साप्ताहिक अवकाश होगा. यानी सड़कों पर ट्रैफिक भी कम और लोग घरों पर ही बैठे होंगे. कोई अफरातफरी नहीं.

कोर्ट का कैलेंडर क्या कहता है?

अब कोर्ट का कैलेंडर क्या कहता है. वो जान लेते हैं. कोर्ट के कैलेंडर के मुताबिक 7 और 8 नवंबर वर्किंग डे हैं. 9, 10, 11 और 12 नवंबर को छुट्टियां हैं. फिर कार्तिक पूर्णिमा के बाद कोर्ट 13, 14 और 15 नवंबर को ही खुलेगा. 16 नवंबर को शनिवार और 17 को रविवार है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई उसी दिन रिटायर हो जाएंगे. 18 नवंबर को जस्टिस शरद अरविंद बोबडे नये चीफ जस्टिस की शपथ ले लेंगे. तो चीफ जस्टिस गोगोई के पास अब 7, 8, 13, 14, 15 नवंबर के दिन ही हैं.

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है.

आईचौक वेबसाइट में छपी संजय शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक आठ नवंबर को फैसला आने की संभावना सबसे कम है. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के सुरक्षा विभाग यानी दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक अब तक सुरक्षा घेरा बढ़ाने और सख्त करने का कोई आधिकारिक आदेश या संदेश नहीं आया है. रिपोर्ट के मुताबिक अयोध्या में अभी चौदहकोसी परिक्रमा चल रही है. इसके बाद कार्तिक पूर्णिमा को भी पांच कोसी परिक्रमा यानी 15 किलोमीटर की परिक्रमा में भी लाखों श्रद्धालुओं का रेला लगा रहेगा. ऐसे में इस दौरान अगर फैसला आया तो अयोध्या और इसके चारों ओर पांच कोस यानी 15 किलोमीटर के इलाके में कानून व्यवस्था दुरुस्त रखना बहुत बड़ी चुनौती होगी.

एक पेच ये भी –

कुछ जानकार ये दलील भी दे रहे हैं कि अगर पांचों जजों के मत में ज्यादा तकनीकी पेंच नहीं फंस रहे होंगे तो फैसला 12 तारीख के बाद आएगा, लेकिन अगर मतभेद गहरे हुए तो फैसला आठ नवंबर को भी आ सकता है. ताकि फैसले के बाद दो-तीन दिन तो मिलें ताकि पुनर्विचार याचिका पर भी यही बेंच एक बार विचार कर ले. इस पर कुछ जानकार ये भी कह रहे हैं कि इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता क्योंकि पीठ में पांच में से चार जज तो वही रहेंगे. ये भी अच्छा है कि पीठ के ही एक सदस्य चीफ जस्टिस बन रहे हैं लिहाजा वो पीठ में किसी और जज को मनोनीत कर देंगे. और पुनर्विचार याचिका पर एक नए जज के साथ पीठ सुनवाई कर सकेगी.

रिपोर्टर

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