आधुनिक सभ्य समाज मे बढ़ रही बलात्कार की वारदातों से महिलाएं हो रही आहत

मुंबई ।। जहाँ प्राचीन काल में विश्व के अन्य भौगोलिक हिस्सों में महिलाओं को समुचित सम्मान नहीं मिलता था, उस काल से भी पहले भारत भूमि पर महिलाओं को समाज में बराबरी का सम्मान मिलता था। भारत में बलात्कार जैसी जघन्य अपराध मुग़ल अक्रान्ताओ के काल से शुरू हुआ और अंग्रेजो ने भी इस बर्बरता को अपने शाशन काल में कायम रखा। प्राचीन भारत भूमि पर कभी सीता के अपमान के कारण रावण की संपूर्ण साम्राज्य का विनाश हो जाता था ओर द्रोपदी के  अपमान में महाभारत (महासंग्राम) हो जाया करता था। आज इस तथाकथित आधुनिक सभ्य समाज में आए दिन सामूहिक बलात्कार की घटनाओं का ग्राफ बढ़ता जा रहा है।

कुछ दिन पहले, बिहार के कैमूर जिले के मोहनिया में चलती गाड़ी में नाबालिक हिन्दू लड़की के साथ गैंगरेप करने के बाद दरिंदो ने वीडियो वायरल कर दिया, जिससे जिले में दंगा भड़क गया, इस घटना में बलात्कारी अरबाज, कलामू, सिकंदर और उनका एक और साथी शामिल था। दूसरी घटना तेलंगाना के हैदराबाद की है जिसमे एक महिला पशु चिकित्सक डॉ. रेड्डी की स्कूटी रात्रि लगभग ९.२२ बजे पंचर हो गई और दरिंदो ने सामूहिक बलात्कार करके जिन्दा जला दिया जिसमे मोहमद आरिफ मुख्य आरोपी है। 

बलात्कार की इन घटनाओ से पुरे देश में बहुत आक्रोश व्याप्त है। जगह-जगह पर विरोध प्रदर्शन, कैंडल मार्च, धरना प्रदर्शन हो रहा है। दरिन्दिगी की घटना इस कदर बढ़ गई है कि अब महिलाओं ने ही बलात्कारियों को बीच चौराहे पर जिन्दा जलाने की मांग कर रही है। 

कल रात्रि ६.३० बजे से ८.३० बजे तक मीरा रोड स्टेशन, जिला पालघर में 'महिला एवं बल संरक्षण समिति' ने बलात्कारिओ के खिलाफ जबरजस्त विरोध प्रदर्शन किया। संगठन से जुड़ी सैकड़ो महिलाओं ने इस विरोध प्रदर्शन में सरकार से बलात्कारिओ (बालिक या नाबालिक) को जिन्दा जलाने की मांग किया। इस संगठन की पदाधिकारी श्रीमती नयना रक्वी ने सरकार से मांग किया कि सरकार अगर बलात्कारिओ के मामले में एक हफ्ते के अंदर दर्दनाक मौत की सजा नहीं मिलती तो ऐसी घटनाए बढ़ेंगी।  इस कार्यक्रम में अवनि, रुबीना,  तेजश्री, हेनिल, सुजाता, लक्ष्मी, कविता, ज़रीन, मनीषा, संजना, थुमिल, इंदिरा, नेहा, ओमकार तिवारी  और सैकड़ो महिलाए, बच्चे  एवं पुरुष शामिल हुए ।

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