करोड़ो अपव्यय के बाद भी मानव श्रृंखला की टूटी लड़ी

जमुई ।। करोड़ो अपव्यय के बाद भी मानव श्रृंखला की टूटी लड़ी--बिहार सरकार के तमाम सरकारी संस्थानों के और जदयूनित सरकार के समर्थक दलों के सहभागिता के बाबजूद भी मानव श्रृंखला पूर्व की तरह सफल नहीं हो सका, जबकि छूटी होने के बाबजूद भी पदाधिकारी, कर्मचारी सड़कों पर खाक छानते नजर आये, हालांकि कुछ निजी स्कूलों के शिक्षक, छात्र भागीदारी निभा रहे थे, वीरान सड़के सब कुछ स्वतः कह रही थी, फतुहा, खुसरूपुर, दनियावां, बख्तियारपुरकी स्थितिदिन के11,56पर यह रही जो तस्वीर से स्पष्ट है, स्थानीय लोगों से पूछने पर सरफराज, खुदूस ने कहा कि यह नीतीश कुमार का ढोंग है तो खुसरूपुर में अजित कुमार, सुभाष पोद्दार ने कहा कि सरकार करोड़ों रुपए की बर्बादी करके अपनी सस्ती लोकप्रियता को हासिल करने के लिए जनता के पैसों को इस बहाने लूट रही है, ग्रामीण बच्चों से पूछने पर कहा कि हमारे विद्यालय के शिक्षक ने यहाँ लाये हैंमुझे नहीं पता है, अरविंद कुमार पूर्व मुखिया रुकुनपुर पंचायत फतुहा ने कहा कि यह सरकार की नौटंकी है वही दनियावां प्रखंड के सामाजिक कार्यकर्ता पारस नाथ यादव ने कहा कि लूट की खुली छूट है, महिला नेत्री सरोज देवी संगीता देवी ने बताई की महंगाई से जीना मुहाल हो गया है और सरकार कोई उपाय नहीं कर रही है, सामाजिक कार्यकर्ता रामेश्वर दास, सुजीत यादव इंद्रदेव मिस्त्री, सुधीर पासवान ने कहा कि विद्यालय के शिक्षक घर घर जाकर हाथ जोड़कर बच्चों को ले गये है वही आंगनबाड़ी सेविका नर्स, और अन्य कर्मचारी काफी परेशान दिखी, निजी स्कूलों के शिक्षकों ने अत्यंत छोटे छोटे बच्चों को पँक्ति में लगा दिया है जो सरकार के आदेश की अवहेलना है, आमजनों में इस कार्यक्रम के प्रति कोई उत्साह नहीं देखा गया, सरकार द्वारा प्रायोजित इस मानव श्रृंखला पूर्व के अन्य श्रृंखला की अपेक्षा संतोषजनक नहीं रहा जबकि सरकार पंद्रह हेलीकॉप्टर से देख रेख करने की बात कह रही थी, कई बुद्धिजीवियों ने इस कार्यक्रम को असफल बताया तो सरकार समर्थकों के कार्यकर्ताओं ने सफल बताया जबकि सरकार के अधीनस्थ पदाधिकारियों ने दबी जुबान कहा कि हम काफी सक्रिय रहे और कार्यक्रम सफल रहा, राजद नेताओं ने इस कार्यक्रम को विफल बताया तो जदयू नेताओं ने सफल कहा,--श्यामनंदन नंदन कुमार यादव बिहार

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