भिवंडी में एन आरसी के विरोध में आयोजित रैली में लाखों की संख्या में उमड़ा जन सैलाब

महाराष्ट्र में भी लागू नहीं होने दिया जयेगा एनआरसी,सीएए व एनआरपी - जितेन्द्र आव्हाड 

भिवंडी ।। नागरिक संसोधन क़ानून का विरोध करने हेतु संविधान बचाओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में भिवंडी के धोबी तालाब स्थित परशुराम टावरे स्टेडियम में आयोजित संविधान बचाओ सम्मेलन में तीन लाख से भी अधिक लोग शामिल हुुए थे.स्टेडियम में खचाखच भरे लाखों लोगों को संबोधित करते हुये राज्य के गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र अव्हाड ने कहा कि केरल एवं पंजाब की तरह महाराष्ट्र में भी एनआरसी,
सीएए एवं एनआरपी लागू नहीं होने दिया जायेगा. एनआरसी,सीएए एवं एनआरपी के विरुद्ध विधानसभा में प्रस्ताव पास करके उसे रद्द कर दिया जायेगा ।

"सुन ले सुन ले सुन ले , किसकी जमीन है यह दफन , जिसके पुरखे उसकी जमीन है.यह अब तू मांगेगा सबूत मेरे देशवासी होने का , तेरा बाप जब अंग्रेजों के तलवे चाट रहा था तब मेरा बाप फांसी के फंदे को चूम रहा था उसकी जमीन है यह कहते हुये गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र अव्हाड ने अपने भाषण की शुरुआत किया.उन्होंने मोदी सरकार पर प्रहार करते हुये कहा कि देश का हिंदू समाज यह नहीं बता सकता कि उनके माता-पिता का अंतिम संस्कार कहां किया गया है ? लेकिन देश का मुस्लिम समाज यह बता सकता है कि उनके पूर्वजों की कब्र कहां है.उन्हें कहां दफनाया गया है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र का पारधी एवं कोल्हाटी समाज आज अपना प्रमाण पत्र नहीं दे सकता है ।                     

सम्मेलन की अध्यक्षता मो.शब्बीर अंसारी ने किया.इस दौरान मंच पर काबीना मंत्री जितेंद्र अव्हाड, स्वराज इंडिया पार्टी के अध्यक्ष योगेन्द्र यादव,पूर्व न्यायाधीश बी.जे.कोलसे पाटील, छात्र नेता उमर खालिद,पूर्व‌ आईपीएस अधिकारी अब्दुल रहमान,सलामत बाबरी,डॉ. मो.कामरान, मुस्तफा फारूक सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे ।
               
योगेंद्र यादव ने अपने संबोधन में सरकार पर कटाक्ष करते हुये कहा कि भिवंडी पावरलूम नगरी का मानचेस्टर है, यहां ताने बाने की पहचान है.देश का मानचेस्टर कहे जाने वाले भिवंडी की पहचान है.प्रधानमंत्री जी आपको केवल सफेद टोपी दिखाई देती है, आज पूरा देश तिरंगा लेकर खड़ा है,लेकिन अफ़सोस की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों को पहचान लेते हैं.लेकिन तिरंगे को नहीं पहचान पाते.उन्हें तिरंगा नहीं दिखाई देता है.इस देश का अगर दूसरा प्रधानमंत्री होता तो वह लाल किला से कहता उसका सीना चौड़ा हो जाता यह हिंदुस्तान जानता है । उन्होंने दिल्ली की जामिया विश्वविद्यालय ,अलीगढ़ विश्वविद्यालय एवं जेएनयू की भी चर्चा किया.लेकिन शाइन बाग़ में बैठी मेरी मां बहनो ने देश के बिल के ऊपर दस्तखत की है.उन्होंने सम्मेलन में आई भारी संख्या में महिलाओं से कहा कि वह इतनी सर्दी में इसलिये आई हैं कि पानी नाक से ऊपर चला गया है.आज के 20 वर्ष बाद मेरे नाती-पोते पूछेंगे कि जब देश को तोड़ा जा रहा था तो कहां थे.उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहता कि इस देश के नागरिक को अपने देशवासी की पहचान देनी पड़े.हिंदू और मुसलमान को जोड़कर ही भारत बनता है.यही पावरलूम का धागा हिंदू-मुस्लिम को जोड़ता है.
           
संविधान बचाओ सम्मेलन में आये सभी वक्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह के ऊपर अपनी जमकर भड़ास निकाली.सभी वक्ताओं ने कहा कि देश के करोड़ों नागरिकों के पास अपनी नागरिकता साबित करने लिये आवश्यक दस्तावेज नहीं है.लेकिन मोदी सरकार ऐसे नागरिकों के लिये डिटेंशन केंद्र बनाने जा रही है.केंद्र की मोदी सरकार अपनी मनमर्जी से व्यवहार कर रही है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह अल्पसंख्यंकों की बात सुनने की मनस्थिति में नहीं हैं.जिसके कारण ऐसी सरकार को उसकी असली जगह दिखाने का समय आ गया है.
           
संविधान बचाओ संघर्ष समिति के निमंत्रक एडवोकेट. किरण चन्ने द्वारा संविधान की प्रति देकर सभी वक्ताओं का स्वागत किया गया।  
           
उक्त  अवसर पर पूर्व न्यायाधीश बी.जे.कोलसे पाटील ने कहा कि एनआरसी एवं सीएए मुसलमानों के विरोध में नहीं है.मुसलमानों के बहाने देश का एसटी,एससी एवं ओबीसी उनके निशाने पर हैं.यह लड़ाई यदि हम सब मिलकर लड़ते हैं तो निश्चित तौर पर जीत हमारी होगी.केवल सभाओं में भीड़ बढ़ाकर इस लड़ाई को जीतना संभव नहीं है.उन्होंने कहा कि इसके लिये सभी लोगों को गांव-गांव एवं मोहल्लों में जाकर एनआरसी के विरोध में प्रचार करना पड़ेगा.समाज में व्याप्त कुरीतियों पर हमला करते हुये कहा कि देश के बहुजन भूमिपुत्र समाज को लेकर आर्य भट्ट ने हजारों वर्षों की पोल खोली है.उन्होंने कहा कि यह लड़ाई ब्राह्मणवादी विचारों के विरुद्ध है.पूर्व न्यायाधीश कोलसे पाटील ने कहा कि पाकिस्तान के मुसलमान, अफगानिस्तान के मुसलमान एवं भारत के मुसलमान एक रक्त के हैं, लेकिन भारत के आर्य भट्ट एक रक्त के नहीं हैं ।
         
इसी तरह छात्र नेता उमर खालिद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा प्रहार करते हुये कहा कि मोदी जी विकास पुरुष होने एवं मुस्लिम महिलाओं का भाई होने का मुखौटा लेकर घूम रहे हैं.उन्होंने कहा कि भारत मोदी का नहीं है.भारत बाबासाहेब अंबेडकर का है.उन्होंने कहा कि हम उद्योगपतियों के टुकड़े पर नहीं पल रहे हैं हम अपनी मेहनत की खाते हैं.उन्होंने भिवंडी के पावरलूम की चर्चा करते हुये कहा कि पावरलूम का धागा हिंदू-मुस्लिम समाज को जोड़ने का काम करता है ।
           
इसी प्रकार पूर्व एडिशनल पुलिस कमिश्नर अब्दुल रहमान ने कहा कि गृह मंत्री की घोषणाओं पर धिक्कार है.यह सरकार मुसलमानों, दलित,आदिवासियों, गरीबों व मजदूरों से नफरत करती है और देश में रहने वाली जातियों को विभाजन करने वाली है और इनका यह कानून नागरिकता देने हेतु नहीं बल्कि नागरिकता छीनने के लिए है ।
           
इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में महिलाओं सहित दिव्यांग भी शामिल थे.इसी प्रकार भिवंडी पूर्व के विधायक रईस शेख, पूर्व सांसद सुरेश टावरे एवं पूर्व विधायक अब्दुल रशीद ताहिर मोमिन सहित कांग्रेस पार्टी के प्रदेश महासचिव तारिक़ फारूकी,कांग्रेस पार्टी के  भिवंडी अध्यक्ष शोएब गुड्डू, सपा अध्यक्ष अरफात शेख सहित विभिन्न पार्टियों के जिलाध्यक्ष,पदाधिकारी एवं नगरसेवकों आदि को नागरिकों के बीच में ही बैठने की व्यवस्था की गई थी ।
       
पुलिस उपायुक्त राजकुमार शिंदे के मार्गदर्शन में सहायक पुलिस आयुक्त नितिन कैसडीकर एवं किसन गावित के नेतृत्व में पुलिस का स्टेडियम के आसपास  कड़ा बंदोबस्त किया गया था.जिसमें भिवंडी पुलिस के अतिरिक्त पांच सौ पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था.सम्मेलन के पहले शहर के विभिन्न मार्गों पर यातायात पुलिस भी लगाई गई थी ।             

एनआरसी,सीएए एवं एनआरपी के विरुद्ध आयोजित संविधान बचाओ सम्मेलन में ऑपरेशन मुक्त भिवंडी के अध्यक्ष डॉ. शफीक अहमद सिद्दीकी के नेतृत्व में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया था. जिसमें डॉ. शाहिद अख्तर, डॉ.असद शेख, डॉ.शकील अख्तर अंसारी , डॉ. साद अंसारी, डॉ. तौसीफ , डॉ. हबीब अंसारी, डॉ. शकीला अंसारी, डॉ.नसरीन, डॉ. फरजाना खान, डॉ. नुसरत अबुज़रदखनी एवं सहायक साथी में प्रो. फौजिया अंसारी, महमूद जाटु ,शहाब खान भी शामिल थे ।
         
इसी प्रकार खातून बी नर्गिस होम,अल मोईन नर्गिस होम ने अपनी सेवाएं प्रदान की.संचालन डॉ मोअली ने किया.कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए एडवोकेट किरन चेन्ने, काॅ विजय कांबले, फाजिल अंसारी, मुफ्ती मो हुजैफा, मौलाना औसाफ फलाही,इंजीनियर शमीम दुर्राज कामनकर,मौलाना इम्तियाज फलाही आदि ने हरसंभव प्रयास किया ।

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