शिक्षक की परीक्षा से वंचित छात्र- छात्राओं ने किया बवाल, प्रशासन ने किया लाठीचार्ज

जमुई से जिला ब्यूरो चीफ देवेन्द्र कुमार के साथ धीरज कुमार सिंह की रिपोर्ट

जमुई ।। जिला के 7 परीक्षा केंद्रों पर 10 वीं एवं 12वीं के लिए शिक्षक की परीक्षा का व्यवस्था की गई थी। परीक्षार्थी को पहुंचने का समय 9:00 बजे रिपोर्टिंग का टाइम था ,लेकिन कुछ परीक्षार्थी के समय पर नहीं पहुंचने के कारण विद्यालय का गेट बंद कर दिया गया जिसके कारण बहुत सारे परीक्षार्थी सभी केंद्रों पर परीक्षा देने से वंचित रह गए। जिसके कारण केकेएम कॉलेज जमुई जवाहर हाई स्कूल एवं गर्ल हाई स्कूल में परीक्षार्थी आक्रोशित होकर बवाल प्रारंभ कर दिया। रूपम कुमारी जो बिहारी से हैं इनका सेंटर केकेएम कॉलेज जमुई में था, इनका कहना है कि हम 9:15 में पहुंचकर लाइन में खड़े थे, गेट तक पहुंचते-पहुंचते 9:25 हो गया और गेट को बंद कर दिया गया जिससे मैं परीक्षा नहीं दे पाई।वहीं ज्योति किरण का कहना है कि मुझे गेट से अंदर कर दिया गया, लेकिन पर्स और मोजा खोलने के लिए कहा गया। जब तक मैं पर्स और मोजा खोल कर वापस आई गेट बंद हो गया था । छात्राओं का आरोप है कि 9:45 में पीछे के गेट से लड़कियों को अंदर किया जा रहा था, जिनका अपना आदमी था। जबकि 2 महिलाओं को 10:00 बजे अंदर अंदर किया गया, क्योंकि वह जान पहचान की थी। आखिर ऐसा क्यों किया गया। जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार छात्र- छात्राओं के कथनानुसार 9:20 पर केकेएम कॉलेज के गेट पर आए और उनके कथनानुसार 9:25 पर गेट बंद कर दिया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा बताया गया की पेपर लिक हो गया है, जिसके कारण 9:30 बजे के बाद अंदर जाना मना है । इस पर छात्राओं ने बवाल करना शुरू कर दिया एवं परीक्षा कैंसिल की मांग करने लगी,  प्रथम पाली का एग्जाम समाप्त होने पर वंचित छात्राओं ने कॉलेज के गेट को पूर्णरूपेण बाधित कर दिया ,ना तो प्रशासन को अंदर जाने दे रही थी और ना ही परीक्षा देकर निकल रही छात्राओं को बाहर निकलने दे रही थी। अंत में लाख मना करने के बावजूद जब छात्राएँ नहीं मानी तो महिला पुलिस को मजबूरन लाठीचार्ज करना पड़ा ।लाठीचार्ज के दौरान किरण कुमारी को नाक पर चोट आ गई। वहीं प्रतिमा कुमारी को भी लाठीचार्ज में बाएं हाथ में चोट आई है। जवाहर हाई स्कूल के परीक्षार्थी मुन्ना कुमार का कहना है कि 9:30 बजे के बाद किसी भी सेंटर पर डीएम के आदेशानुसार परीक्षार्थी को अंदर जाने नहीं दिया गया। जबकि बिहार के और सभी जिले में 10:05 तक परीक्षार्थी को अंदर जाने की सूचना है, जिसका उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि नवादा, लखीसराय ,मुजफ्फरपुर हर जगह पता लगाए तो 10:00 बजे तक लोगों को अंदर किया गया। लेकिन सिर्फ एक जमुई ही ऐसा जिला है, जहां कि 9:30 बजे गेट को बंद कर दिया जाता है छात्रों ने सीधा आरोप जिलाधिकारी के ऊपर लगाते हुए कहा कि जिलाधिकारी जमुई खुद अपने मुंह से बोले हैं कि पेपर लीक हो गया है ,इसलिए 9:30 बजे के बाद अंदर जाने नहीं देंगे ।तो क्या ?यह जिम्मेवारी छात्र का है या जिला प्रशासन का। प्राप्त जानकारी के अनुसार केकेएम कॉलेज में लगभग डेढ़ सौ महिला परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित रहीं, वहीं गर्ल हाई स्कूल में लगभग 200 पुरुष परीक्षा नहीं दे पाए । जवाहर हाई स्कूल में भी लगभग 150 छात्र, एसएस बालिका में 160 छात्र, रामकृष्ण में 140 छात्राएं, परीक्षा देने से वंचित रह गई।सब मिलाकर जमुई के सभी सेंटर में कुछ न कुछ परीक्षार्थी परीक्षा से वंचित रह गए । इससे अंदाजा लगाया जाता है कि ज्यादा नहीं तो कम से कम 1000 परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित हो गए ,जिसके कारण जमुई में इतना भयानक बवाल हुआ। केकेएम कॉलेज परीक्षा सेंटर पर जिला प्रशासन की ओर से एडीएम अभिषेक कुमार चंदन, एसडीपीओ रामपुकार सिंह, थाना अध्यक्ष सुभाष कुमार सिंह के साथ जिला के पुलिस पदाधिकारी मामला को शांत कराने में अपनी अहम भूमिका निभाई। लगभग 15 से 20 मिनट तक कड़ी मेहनत के बाद परीक्षार्थी को अंदर से बाहर निकाला गया । फिर भीड़ को प्रशासन के द्वारा हटाते हुए दूसरी पाली के परीक्षार्थी को एडीएम के द्वारा माइक पर अनाउंस करके परीक्षार्थी को समय पर अंदर आने के लिए बार-बार कोशिश की जा रही थी। दूसरी पाली में परीक्षा बिल्कुल शांतिपूर्ण ढंग से सेंटर पर देखा गया ।परीक्षा से वंचित छात्र और छात्राओं ने अपने कैरियर को लेकर अपनी आवाज को बिहार सरकार और हाई कोर्ट तक पहुंचाने का दावा किया है।

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