पाकिस्तान से आई टिड्ढियों का भारत की फसलों पर 'आतंक'

भदोही ।। तुलसीदास ने रामचरित मानस के सुन्दरकाण्ड में लिखा कि 'भल बरू बास नरक कर ताता, दुष्ट संग जनि देई विधाता ।। यह बात पडोसी देश पाकिस्तान पर अक्षरशः लागू होती है। पाकिस्तान कभी आतंकवादियों गतिविधि से, तो कभी विश्व समुदाय में, कभी चीन के सहयोग से भारत को परेशान करने से बाज नही आता है। लेकिन इन सबके अलावा कभी कभी इस देश का पडोसी होने मात्र से भारत को काफी नुकसान उठाना पडता है। वह नुकसान है टिड्ढियों के दल को जो भारत में फसलों को काफी नुकसान पहुंचाता है। अभी कुछ महिने पहले भारत इन टिड्ढियों के हमले से काफी नुकसान उठाया और अब एक बार पाकिस्तान से आई टिड्ढियों का दल भारत की फसलों को नुकसान पहुंचाने के लिए आ गया है। हालांकि इसको लेकर स्थानीय प्रशासन सतर्क है लेकिन फसलों का नुकसान तो ये टिड्डियां करने से बाज नही आती है। पाकिस्तान से आ रहे टिड्डी दल भारतीय राज्य राजस्थान, पंजाब और गुजरात के कुछ जिलों में भी फसलों को नुकसान पहुंचा चुके हैं। दूसरी ओर पंजाब में भी टिड्डी दल को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। पंजाब के फाजिल्का में टिड्डियों के आने के बाद कृषि विभाग ने इन्हें स्प्रे कर भगाने की कोशिश की। गुजरात में भी दिसंबर महीने में टिड्डियों का हमला हुआ था। जिसमें कई हजार हेक्टेयर की फसल तबाह हो गई थी। गुजरात सरकार ने प्रभावित किसानों को 31 करोड़ रुपये मुआवजे का ऐलान भी किया है। 

मालूम हो कि टिड्डी एक दिन में 150 किलोमीटर तक उड़ने की क्षमता रखती है। ये एक दिन में अपने वजन के बराबर अनाज खा सकती है। हालांकि भारत ने एहतियाती कदम उठाते हुए सही समय पर दवा का छिड़काव की व्यवस्था की जाती है जिससे नुकसान को कम से कम किया जा सके। कई देशों के लिए मुसीबत बना टिड्डी दल राजस्थान, मध्य प्रदेश होते हुए अब यूपी पहुंच गया है। ये टिड्डी दल पाकिस्तान से चलकर झांसी पहुंचा है। झांसी जिले के बाहरी इलाके में शनिवार शाम को टिड्डियों के झुंड के अचानक गति ने जिला प्रशासन को अलर्ट कर दिया है। झांसी जिला प्रशासन इनसे निपटने के लिए तैयार हो गया है। और आम जनता को भी टिड्ढियों वे दल के आने के बारे में प्रशासन को सूचित करने की बात कही गई है। मालूम हो कि ये टिड्डे उन स्थानों पर जाते है जहां हरी घास या हरियाली होती है। इसलिए ऐसी जगहों पर विशेष निगाह रखने की जरूरत है। जो टिड्ढियों का दल पाकिस्तान से चलकर भारत में आया है। उनका आकार छोटा है। टिड्डियों का दल करीब तीन किलोमीटर तक का बताया जा रहा है। इन टिड्ढियों के बचाव के लिए फसलों पर विशेषज्ञों की सलाह पर कीटनाशकों का छिड़काव करके रोका जा सकता है। हालांकि देश का किसान तो वैसे ही इस समय लाॅकडाऊन से परेशान है लेकिन इसी बीच पाकिस्तानी टिड्ढियों ने किसानों की चिंता और बढा दी है।

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