कोविड के सर्वेक्षण लापरवाही प्रकरण:साढ़े तीन सौ शिक्षकों को जारी कारण बताओ नोटिस

भिवंडी।। कोरोनावायरस के संदर्भ में घर-घर जाकर सर्वे न करने वाले प्राथमिक व माध्यमिक अनुदानित स्कूलों के 309 अध्यापकों के अलावा मनपा विद्यालय के 29 शिक्षकों को भी मनपा उपायुक्त (मुख्यालय) ने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उनकी 2 साल की वेतन वृद्धि रोकने की चेतावनी देकर समक्ष हाजिर रहकर सफाई पेश करने को कहा है। इसमें प्रभाग समिति 5 के शिक्षकों की संख्या शामिल नहीं है। 

मालूम हो कि भिवंडी मनपा प्रशासन द्वारा 26 जून से कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने संबंधी प्रतिबंधात्मक उपाय योजना के लिए उक्त सभी अध्यापकों को भिवंडी मनपा क्षेत्र में घर घर जाकर सर्वेक्षण करने के लिए आदेशित किया गया था। लेकिन इसमें लगभग साढ़े 3 सौ से अधिक अध्यापकों ने भाग नहीं लिया। जिसके लिए मनपा उपायुक्त (मुख्यालय) नूतन खाड़े ने 8 जुलाई को संबंधित शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए महाराष्ट्र नागरी सेवा अधिनियम 1979 की धारा 3 के तहत दोषी बताकर महाराष्ट्र मनपा अधिनियम 1949 की धारा 56 (2) (ब) के मुताबिक 2 वर्ष की वेतन बढ़ोतरी रोकने की जिसमें तत्कालिक तौर पर 1 वर्ष की वेतन बढ़ोतरी तत्काल रोकने की बात कही है। भिवंडी मनपा शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक भिवंडी मनपा क्षेत्र के तहत आने वाले सभी अनुदानित निजी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल के शिक्षक और शिक्षिकाओं को कोव्हिड सर्वेक्षण में लगाया गया था। जिनकी उम्र 50 साल से ऊपर नहीं है और वे दिव्यांग अथवा गर्भवती नहीं है। मनपा प्रशासन द्वारा जारी इस नोटिस को लेकर यहां के शिक्षकों के बीच जबरदस्त हड़कंप मचा हुआ है। 

एक साल का रूकेगा इंक्रीमेंट -नूतन खाड़े :
मनपा की उपायुक्त (मुख्यालय) नूतन खाड़े ने बताया कि इसमें से कुछ शिक्षकों ने अपनी सफाई पेश की है और कुछ ने नहीं किया है। जिन लोगों ने लिखित तौर पर सफाई नहीं दी है। उनका एक साल का इंक्रीमेंट जरूर रुकेगा। इसी तरह खाड़े का यह भी कहना है कि कुछ लोगों को भूलवश भी नोटिस जारी हो गई है। क्योंकि वह दूसरे वार्ड में काम कर रहे थे। लेकिन उनका नाम दूसरे वार्ड में था। ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। इस तरह के ज्यादातर मामले प्रभाग समिति 2 और 3 के हैं।

रिपोर्टर

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