कितने विधायक,सांसद आये और गए आजादी के सात दशक के बाद भी नहीं बना रंगमटीया बेज़ुबांक की पुल

चकाई (रोहित कुमार) ।। चकाई प्रखंड के अंतर्गत प्रतापुर होके सलैया,रंगमटीया से बेज़ुबांक घाट होते हुए बेंगाबाद  गिरिडीह के लिए पतरो नदी में आज आजादी के सात दशक के बाद भी पुल का निर्माण नहीं हो पाया है।वहीं ग्रामीणों ने बताया कि आजादी के 72 साल बीतने के बाद भी रंगमटीया से सटे पतरो नदी में पुल का निर्माण नहीं किया गया है।


बताते चलें कि वहीं रंगमटीया से सटे पतरो नदी  बिहार और झारखंड का बॉर्डर है। यहां के लगभग दर्जनों गांव के लोगों को मुख्य बाजार बेंगाबाद आने जाने में बहुत परेशानी उठानी पड़ती है। रंगमटीया के आसपास गांवों के जनताओं के लिए देखा जाए तो यहाँ से जमुई मुख्यालय का दूरी लगभग 90 किलोमीटर है। वही झारखंड में स्थित बेंगाबाद बाजार की दूरी  नदी से 25 किलोमीटर है। वहीं बरसात में कभी कभी ऐसे लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है कि जब नदी में अधिक पानी हो जाता है तो इधर का आदमी नदी के उस पार ही फंसा रहता है। उसी पार में रह जाना पड़ता है। अभी तक यहां के वर्तमान विधायक एवं वर्तमान सांसद नदी को देखने तक नही आये।

वहीं ग्रामीणों का कहना है कि इस बार पुल का निर्माण नहीं होता है तो हम लोग वोट बहिष्कार करेंगे। अब देखना यह होगा कि कब तक पुल का निर्माण होता है।

रिपोर्टर

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