कालानी व आयलानी में महापौर की कुर्सी को लेकर छिड़ी राजनीतिक जंग

उल्हासनगर । लोकसभा और विधानसभा चुनाव मे भाजपा पार्टी के उमीदवार भले ही ज्यादा चुनकर आये है लेकिन उल्हासनगर शहर मे अब इसका उल्टा असर देखने को मिल रहा है जहाँ कालानी परिवार के सामने राजनीतिक दबाव के चलते महाराष्ट्र सरकार भी झुकती हुई नजर आ रही है वही महापौर की कुर्सी को लेकर आयलानी व कालानी में राजनीतिक जंग छिड़ चुकी है ।

21फरवरी 2017 को उल्हासनगर मनपा का चुनाव संपन्न हुआ था इस चुनाव मे किसी पार्टी को स्पस्ट बहुमत नहीँ मिला था । चुनाव के पहले राष्ट्रवादी पार्टी विधायक ज्योति पप्पू कालानी के बेटे ओमी कालानी ने अपनी टीम ओमी कालानी (टीओ के) पक्ष बना लिया था और भाजपा के साथ चुनाव के अखाड़े मे उतर गए नतीजा आने के बाद भी दोनों पक्षो को सत्ता हासिल नहीँ हो रही थी । उल्हासनगर भाजपा जिल्हा अध्यक्ष कुमार अयलानी द्वारा सत्ता बनाने का अंदुरुनी प्रयास करके साई पक्ष ( गंगा जल ) को अपने साथ मिला लिया गया तीनो पार्टियो के मिलने के बाद उल्हासनगर मनपा मे पहली बार भाजपा की महापौर मीना अयलानी बनी , लेकिन अब राजनीतिक दबाव के चलते भाजपा महापौर मीना अयलानी की प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है । उल्हासनगर शहर मे इस बात को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है कि 20 अगस्त को होने वाली महासभा मे महापौर मीना अयलानी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है । सभागृह नेता पुरस्वानी का कहना है कि हमने इस्तीफा लेकर राज्य मंत्री रविंद्र चौहान के पास भेज दिया है ,परन्तु अभी तक कोई आदेश नहीँ आया है । इस बारे मे जब महापौर मीना अयलानी से बात कि तो उन्होंने कहा कि हमने इस्तीफा नहीँ दिया है जो पार्टी के वरिष्ठों का आदेश आएगा उसका पालन करूंगी, । टीओके पार्टी के उमीदवार भी भाजपा के ही टिकट पर चुनाव जीत कर आये थे और अभी हाल ही मे टीओके कार्याध्यक्ष संतोष पांडे ने महापौर मीना अयलानी को एक पत्र दिया था कि 20 तारीख तक शहर के गड्ढे नहीँ भरे गए तो टीओके कार्यकर्ता सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगे । सभागृह नेता जमनु पुरुस्वानी द्वारा कहा जा रहा है कि सत्ता बनाने से पहले यह तय हुआ था कि पहले सवा साल महापौर मीना अयलानी बनेगी और अगला सवा साल महापौर पंचम कालानी बनेगी,। अब महापौर पद को लेकर अयलानी और कालानी के बीच जंग छिड़ गई है । जबकि टीओके पक्ष ओमी कालानी द्वारा लगातार मुद्दों को लेकर राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है और भाजपा टीओके कार्यकर्ताओ के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। एक तरफ महापौर पद मिलने की उमीद मे टीओके कार्यकताओं के चेहरे पर खुशी साफ देखी जा रही है जबकि दूसरी तरफ भाजपा कार्यकर्ताओं को महापौर पद कही चले न जाएं इसका डर सता रहा है। 

बता दे कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी का निधन हो जाने के कारण राष्टीय शोक घोषित किया गया है ,परंतु उल्हासनगर मे राजनीतिक पार्टियों मे महापौर पद को लेकर चर्चा चल रही है कहा जाता है कि महापौर मीना अयलानी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया तो इसका असर आगामी विधानसभा ,लोकसभा चुनाव पर साफ पड़ेगा और भाजपा के अंदर अंदुरुनी लड़ाई के चलते इसका फायदा स्थानीय शिवसेना पार्टी को जरूर मिलेगा , जिससे भाजपा के विधानसभा और लोक सभा के उमीदवारों के सामने मुश्किलें बढ़ जाएगी ।  जबकि उल्हासनगर शहर के आम जनता के बीच इस बात को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है कि महाराष्ट्र सरकार के मंत्री कालानी परिवार के सामने आखिर झुक गए और अब महापौर मीना अयलानी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ेगा और अगली महापौर आमदार ज्योति पप्पू कालानी कि बहु पंचम कालानी बनेगी । इसका फैसला 20 अगस्त को उल्हासनगर मनपा के महासभा मे होगा कि महापौर मीना अयलानी अपने पद से इस्तीफा देगी या नही और अगली महापौर पंचम कालानी बनेगी कि नहीँ  ज्ञात हो कि अभी हाल ही मे आमदार ज्योति पप्पू कालानी निर्विरोद उल्हासनगर जिल्हा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी कि अध्यक्ष चुनी गई है और अब महापौर पद भी कालानी परिवार खाते मे जाता हुआ लोगो को नजर आ रहा है इसी से साफ पत्ता चलता है कि कालानी परिवार के सामने भाजपा के मंत्री भी मजबूर नजर आ रहे है ।

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