जम्मू कश्मीर काडर के होनहार आईपीएस डॉ शैलेंद्र मिश्र का हुआ सम्मान।

जम्मू कश्मीर स्थित कठुआ के एस एस पी डॉ शैलेंद्र मिश्र के मुंबई आवास पर मिलकर पूर्व राज्यमंत्री व हिंदीभाषी नेता  अमरजीत मिश्र व सामाजिक संस्था अपना पूर्वांचल महासंघ के अध्यक्ष एडवोकेट अशोक दुबे ने रविवार को उनका सम्मान किया।दरअसल जम्मू कश्मीर काडर के आईपीएस शैलेन्द्र मिश्रा दस भाषाएं बोल और समझ लेते हैं। इन भाषाओं का इस्तेमाल करके वह कई मामलों को सुलझा भी चुके हैं। 



  घाटी में तैनाती के दौरान उन्होंने कश्मीरी भी सीख ली।आईपीएस शैलेंद्र ऐसे अफसर हैं, जिनसे जिस भाषा में बात की जाए वह उसी भाषा में जवाब देंगे। शायद वह देश के पहले आईपीएस होंगे, जिसे इतनी भाषाओं का ज्ञान है। इन भाषाओं को वह समझ भी सकते हैं और आसानी से बात भी कर लेते हैं। अपने इस भाषा ज्ञान का इस्तेमाल वह कई बड़े मामलों को सुलझाने में करते रहे हैं।



देवरिया उत्तरप्रदेश में पैतृक गाँव होने के कारण वे बिहार व यूपी के कामगारों को समझाने के लिए फर्राटेदार भोजपुरी बोल लेते हैं। और महाराष्ट्र के ठाणे में जन्म लेने व शिक्षा दीक्षा वही होने की वजह से शुद्ध मराठी बोलते हैं। इसके साथ ही  कश्मीरी में बात करके वह आतंकी को आसानी से सरेंडर के लिए मनवा लेते हैं। 


    जी हां, जम्मू-कश्मीर काडर के आईपीएस शैलेन्द्र मिश्रा को दस भाषाओं का ज्ञान है। वह इन भाषाओं क इस्तेमाल करकेे कई मामलों को आसानी से सुलझा भी लेते हैं। कश्मीर में तैनात रहते हुए वह कश्मीरी बोलते हैं। महाराष्ट्र से होने के बावजूद वह कश्मीर की जनता में अपनी अलग छवि बना चुके हैं। कश्मीर की आम जनता उन पर भरोसा करती है।

रिपोर्टर

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