पूजा-पंड़ालों को भव्य रुप देने में जुटे कारीगर

रिपोर्ट-राममनोहर अग्निहोत्रि

ज्ञानपुर,भदोही। भदोही जनपद के प्रमुख बाजारों से लेकर ग्रामीणांचलों तक नवरात्र में नवदुर्गा केआगमन को लेकर तैयारियां शुरू हैं। बुधवार से शारदीय नवरात्र का आरंभ होने जा रहा है कहीं पूजा-पंडालों को नया रूप दिया जा रहा है ,तो कहीं मां के लिए खास तरह के वस्त्र तैयार किए जा रहे हैं ।कुल मिला कर शारदीय नवरात्र के रंग में अभी से भदोही पर दुर्गा पूजा का रंग चढ़ने लगा है। इसी क्रम में बंगाल से चलकर भदोही कस्बे सहित जिले के कई कनय स्थानों पर आये मूर्तिकार भी मां दुर्गा की प्रतिमाओं को गढ़ने में लगे हुए हैं। खासकर यह मूर्तिकार दुर्गा पूजा पंडालोंमेंमांदुर्गा,महिषासुर ,सरस्वती, गणेश, कार्तिकेय की प्रतिमा बनाने के लिए जुट गए हैं ।क्योंकि अब नवरात्र में समय काफी कम रह गया है ।ऐसे में प्रतिमाओं को नया अंदाज नया रंग रूप देने के लिए दिन रात एक कर के मूर्तिकार अपनी कला को मानो मां की प्रतिमा को समर्पित कर रहे हैं । क्योंकि हर वर्ष पंडालों की सजावट में अनोखेपन को तवज्जो दिया जाता है ।ठीक उसी प्रकार पंडाल में स्थापित करने के लिए देवी देवताओं की प्रतिमा को भी लेकर नए प्रयोग होते हैं। बताते चलें कि गोपीगंज नगर में समिति द्वारा वर्षों से परंपरागत अंदाज में नवरात्र के लिए मां की दुआएं विभिन्न रूपों से बंटी आ रहे हैं खास बात यह है कि 1 साल की मूर्ति बंगाली समाज द्वारा बनाई जाती है जिसकी अपनी खासियत होती है वहीं प्रतिमा के निर्माण में विशेष की यह देखी जाती है कि जो भी प्रतिमा बन रही है उसके चेहरे पर तेज भाव स्पष्ट तौर पर उभर कर आए जैसे मां महिषासुर को मार रही हैं तो दुर्गा मां की प्रतिमा के चेहरे पर वह क्रॉस नजर आए और महिषासुर की प्रतिमा पर भय के भाव। इन चीजों को मूर्तिकार कलाकार ध्यान देते हैं। मूर्ति कारों का महत्वपूर्ण लक्ष्य होता है कि जब वह पंडालों में जाए तो लोगों को लगे कि बस अब दुर्गा मां बोल ही उठेंगी ।उधर शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में पूजापंडालों का भव्य आकार रूप देने के लिए पूजा पंडाल संचालकों की ओर से तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है ।इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में भी पूजा समिति आयोजक पंडाल से लेकर माता की मूर्ति की स्थापना करने तक को भव्य रूप देने में पूजा समिति के लोग जुटे हुए हैं।

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