भदोही जनपद में सूर्यदेव को अर्घ्य देने के साथ चार दिनी महापर्व डाला छठ पूजा आरंभ

भदोही जनपद में सूर्यदेव को अर्घ्य देने के साथ चार दिनी महापर्व डाला छठ पूजा आरंभ.


*महापर्व पर रामपुर घाट स्थित गंगा नदी में बालू व कूड़े का दलदलीय ढेर.*

रिपोर्ट-राम मोहन अग्निहोत्री

 *प्रशासन ने नहीं लिया सुधि.*


*पालिका प्रशासन की उदासीनता से छठ पूजा में हो रही कठिनाइयां.* 


गोपीगंज भदोही। आज से 11 नवंबर यानी रविवार से शुरू हो रहा है लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा यह त्यौहार 4 दिन तक मनाया जाता है यह एक प्रमुख त्योहार है छठ पूजा के चार दिवसीय अनुष्ठान में पहले दिन नहाए खाए दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य की पूजा अर्ध्य चौथे दिन उगते हुए सूर्य को पुजित कर अर्घ्य देने की परंपरा आज भी कायम है। उल्लेखनीय है कि इस बार नहाए खाए 11 नवंबर को खरना 12 नवंबर को सांझ का अर्ध्य  7 और 13 नवंबर को सुबह का अर्ध्य पुजा 14 नवंबर को नहाए खाए कि दिन महिलाएं और पुरुष नदियों में स्नान करते हैं इस दिन चावल चने की दाल इत्यादि बनाए जाते हैं विशेष रूप से कद्दू की सब्जी और पकवान बनाए जाते हैं इसलिए इस दिन को कदुआ भात भी कहते हैं दूसरे दिन यानी खरना के दिन से महिला और पुरुष छठ का उपवास शुरू करते हैं इन्हें छठ व्रती कहा जाता है। इसी दिन शाम के समय प्रसाद बनाया जाता है प्रसाद में चावल दूध के पकवान भगवा फल और सब्जियों के से पूजा की जाती है छठ के तीसरे दिवस को और दिन वाले इंसान के पूजन की तैयारी की जाती है। और पूरे दिन निर्जला व्रत रखते हैं और शाम की पूजन की तैयारी करते हैं उसी दिन तक  जलाशय में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है फिर पूजा के बाद अगली सुबह की पूजा की तैयारी शुरू हो जाती है। और लोग एक साथ नदियों में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य प्रदान करते हैं। छठ का व्रत निर्जला व्रत है ।इसे करने वाले लोग इस व्रत में 36 घंटे तक बिना पानी पिए रहते हैं आस्था और भक्ति के साथ मनाई जाती है छेत्र में छठ पर्व पर एक दुर्लभ संयोग बन रहा है। जो शुभ फलदाई और समृद्धि दायक है।रविवार भगवान सूर्य का दिन माना जाता है उसी दिन से नव वर्ष प्रारंभ हो रहा है और 11 नवंबर रविवार को नहाए खाए पर सिद्धि योग का संयोग बन रहा है आज के अर्ध्य देने वाले दिन यानी 13 नवंबर को अमृत योग सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है छठ के अंतिम दिन  प्रातः कालीन और बुधवार 14 नवंबर को शुभ समय छत्र योग का संयोग बन 

रहा है। इस योग को धन और समृद्धि कारक माना जाता है। हिंदू धर्म में सूर्य को जल देने का बहुत बड़ा महत्व है। और छठ पूजा के पावन पर्व पर ढलते हुए और उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देने से कई जन्मों का पाप का नाश हो जाता है, तथा धन वैभव के प्राप्ति का योग बना जाता है।

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