नियमों की धज्जी उड़ा रहे लेखपाल चन्द्रभान सिंह

सुरियावां ।। सुरियावां क्षेत्र कुसौड़ा गांव जो भदोही  तहसील की न्याय व्यवस्थबा पर लगातार न्याय का चक्कर काट रहे गरीब,विधवा,  किसान आदि अादेश किसी का भी हो लेकिन उस पर कितना पालन होता हैं यह तो सभी जानते हैं तहसीलदार अादेश करें या नायब तहसीलदार सिर्फ कागजों पर सीमित रह जाता जिसका बयां गांव की एक गरीब विधवा का दर्द छलक पड़ता है कुसौड़ा में एक विधवा औरत का शासन द्वारा प्राप्त प्रधानमंत्री आवास को हल्का लेखपाल चंद्रभान द्वारा बेवजह रोक दिया गया है। ज्ञात हो कि कुसौड़ा निवासिनी सीता देवी को करीब तीन माह पूर्व आवास मिला था जिसको वह अपनी आराजी न0 628 में बना रही थी।आरोप है कि कुर्सी तक निर्माण जब हुआ तो लेखपाल द्वारा पैसे का डिमांड किया गया।पैसा न देने पर बगैर किसी कारण ही निर्माण कार्य रोकवा दिया गया।पीड़िता ने आग्रह किया कि यदि मेरा निर्माण कार्य किसी सरकारी जमीन पर हो रहा है तो मेरी जमीन या सरकारी जमीन की पैमाइश कर दी जाय जिससे निर्धारित समय पर आवास का निर्माण हो सके।किन्तु महीना भर बीत जाने के बाद जब कोई कार्यवाही नही हुई तो एक नवंबर को आइ जी आर एएस के तहत  मुख्यमंत्री को पत्र दिया गया ।एक माह बीत जाने के बाद भी आजतक  जब कोई कार्यवाही नही हुई तो आज पुनः पीड़िता द्वारा मुख्यमंत्री को रिमाइंडर भेज दिया गया।इस बाबत अखिल भरतीय संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने बताया कि लेखपाल भूमाफियाओं के दबाव में कार्य करता है।गरीबों का शोषण व उत्पीडन करता है।गांव में घूम घूम कर अवैध वसूली करता है।अभी तक कोई भी भू प्रबंधन समिति की बैठक भी नही किया गया ।ग्राम सभा मे पंचायत भवन, आंगनवाड़ी, पुर्व माध्यमिक विद्यालय आदि हेतु जमीन उपलब्ध नही हो सका जिससे आजतक कोई निर्माण नहीं हो सका जबकि पचासों बीघा जमीन भूमाफियाओं के कब्जे में है। उन्हें खाली कराने के बजाय उन सब से सुविधा शुक्ला वसूल कर रहा है। कुछ जगहों पर  शौचालय कार्य रोकवा दिया गया जब कि उन्ही नम्बरो की जमीन पर खुद खड़े होकर लेखपाल द्वारा पैसा लेकर अन्य पक्ष को जबरन कब्जा दिलाने का प्रयास किया गया ।ग्रामीणों के उग्र तेवर को देखते ही लेखपाल वहाँ से नौ दो ग्यारह हो गया ।लेखपाल के कारनामों से  ग्रामीणों में रोष व्याप्त है तथा प्रधान द्वारा उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।

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