कडोंमपा आयुक्त गोविंद बोडके की सेवा पुस्तिका को आखिर क्यों छुपाया जा रहा हैं ? - अब्बास घडियाली

मुंबई ।। महाराष्ट्र शासन के सामान्य प्रशासन विभाग से कल्याण-डोंबिवली महानगर पालिका के आयुक्त गोविंद बोडके  (भाप्रसे)की संपूर्ण सेवा पुस्तिका के संदर्भ में आरटीआइ कार्यकर्ता, वरिष्ठ पत्रकार व अखिल भारतीय हिन्दी पत्रकार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अब्बास जकियुध्दीन घडियाली ने जानकारी मांगी थी।घडियाली के इस आरटीआइ आवेदन पत्र को महाराष्ट्र शासन के सामान्य प्रशासन विभाग की जन सूचना अधिकारी तथा अवर सचिव (आ.प्र.पेडणेकर)ने यह कहकर  कडोंमपा को भेज दिया कि श्री.गोविंद बोडके, भाप्रसे. महापालिका आयुक्त यह कल्याण-डोंबिवली महानगर पालिका में कार्यरत होने से उनका  मूल सेवा पुस्तिक भी कल्याण-डोंबिवली महानगर पालिका के पास हैं ,इसलिए यह जानकारी आवेदक अब्बास जकियुध्दीन घडियाली को कडोंमपा ही दे।

    बता दे कि, समय सीमा के भीतर जानकारी प्राप्त नहीं होने पर अब्बास जकियुध्दीन घडियाली ने महाराष्ट्र शासन के सामान्य प्रशासन विभाग में प्रथम अपील दाखिल की जिसकी सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र शासन के सामान्य प्रशासन विभाग की उपसचिव तथा प्रथम अपीलीय अधिकारी (स.रि.बांदेकर-देशमुख)ने आदेश पारित करते हुए कडोंमपा को कहा कि वस्तुत: सूचना के अधिकार के संदर्भित उपरोक्त आवेदन पत्र पर जन सूचना अधिकारी तथा कल्याण-डोंबिवली महानगर पालिका कार्यालय ने गंभीरतापूर्वक विचार करने की आवश्यकता थी परंतु यहां पर एसा नहीं हुआ होने का दिखाई दे रहा है । वास्तव मे आवेदन पत्र हस्तांतरित से प्राप्त होने के बाद कल्याण-डोंबिवली महानगर पालिका के संबंधित जन सूचना अधिकारी ने आवश्यक वह नियमोचित कार्यवाही कर समय सीमा के भीतर आवेदन कर्ता को जानकारी देना आवश्यक था/हैं।इसलिए यह आदेश की प्रत जन सूचना अधिकारी,कल्याण-डोंबिवली महानगर पालिका को आगे की आवश्यक वह तात्कालिक कार्यवाही करने के लिए अग्रेषित की जाती हैं ।परंतु इसके बावजूद कडोंमपा के जन सूचना अधिकारी तथा सहायक आयुक्त (सा.प्र.)(मिलींद धाट) व प्रथम अपीलीय अधिकारी तथा उप-आयुक्त (सा.प्र)(विजय पगार)ने महाराष्ट्र शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के शासन परिपत्रक क्रमांक: सकिर्ण 2012/989/प्र.क्र.479सहा.दिनांक.17/10/2014 का हवाला देते हुए घडियाली से कहा कि व्यापक जनहित से सम्बंधित ना हो ऐसी व्यक्तिगत स्वरूप की जानकारी नहीं देने के लिए निर्देशित किया गया हैं इसलिए हम आयुक्त गोविंद बोडके की सेवा पुस्तिका को आपको नहीं दे सकते हैं ।इस पर सवाल खड़ा करते हुए घडियाली का कहना है कि क्या महाराष्ट्र शासन व कडोंमपा का सामान्य प्रशासन विभाग मनपा आयुक्त गोविंद बोडके की सेवा पुस्तिका को छुपाना चाहता हैं ।

   गौरतलब है कि प्रमोटेड भाप्रसे अधिकारी केंद्रीय स्तर पर चुने जाते हैं और उनकी सेवा पुस्तिका उस राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग के पास होनी चाहिए, जिस राज्य सरकार के अधीन वह अधिकारी कार्यरत होते हैं। पर महाराष्ट्र शासन के सामान्य प्रशासन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रमोटेड भाप्रसे अधिकारी की सेवा पुस्तिका वहीं पर होती है, जहां पर वे कार्यरत होते हैं। इस पर आरटीआई कार्यकर्ता, वरिष्ठ पत्रकार व अखिल भारतीय हिन्दी पत्रकार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अब्बास जकियुध्दीन घडियाली का कहना है कि आखिर उस प्राधिकरण में उनकी सेवा पुस्तिका पर रिमार्क कौन सा अधिकारी मारता है। कडोंमपा आयुक्त गोविंद बोडके के संदर्भ में मांगी गई जानकारी को महाराष्ट्र शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने देने के लिए कडोंमपा के सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा है व आदेशित किया हैं,जहां के आयुक्त ही निकम्मे हों, वहां का सामान्य प्रशासन विभाग कितना सक्षम होगा, यह कहना मुश्किल ही नहीं असंभव है। आशंका जाहिर करते हुए आरटीआई कार्यकर्ता अब्बास घडियाली ने कहा है कि कडोंमपा आयुक्त व प्रमोटेड भाप्रसे अधिकारी गोविंद बोडके की सेवा पुस्तिका में जरूर ही कोई घालमेल है, जिसे महाराष्ट्र शासन का सामान्य प्रशासन विभाग व कडोंमपा का सामान्य प्रशासन विभाग छुपाना चाहता है। 

      बता दे कि इसके विरुद्ध में घडियाली बहुत ही जल्दी राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त व कोंकण खंडपीठ समकक्ष द्वितीय अपील दाखिल कर मुंबई उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करने की तैयारी में हैं ।

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