ईच्छा एवं जिज्ञासा के समाधान की जन्म देती है माँ - कथावाचिका दीदी हेमलता शास्त्री

पालघर.। श्रीमद देवी भागवत कथा श्रवण में देवी के नौ रुपों के सद्चरित्रों से जीवन में बड़ा सारर्गभित महत्व है। माँ संहार करती है तो माँ संसार की रचना भी करती है वात्सल्य मयी माँ ममता की मूर्ति भी है। ईच्छा एवं जिज्ञासा के समाधान की जन्म देती है माँ।

 उक्त बातें श्रीबड़ी दुर्गा महरानीजी चेरिटेबल ट्रस्ट आजाद नगर बोईसर की आयोजित श्रीमद देवी भागवत कथा सप्ताह के दुसरे दिन सैनी होटल के समीप भव्य मंडप पंडाल के व्यास पीठ से श्रीबड़ी दुर्गा महरानीजी मंदिर के दुसरे स्थापना दिवस के मौके पर मातृ शक्ति सेवा संस्थान मथुरा वृदांवन से पधारी अंर्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सुरकोकिला कथावाचिका देवी हेमलता शास्त्री जी दीदी माँ श्रोताओं को कथा श्रवण कराते हुए कहीं।

वेदव्यास जी की कथानक से शुरु गौरेया की घोसला में बच्चों को पुचकारते पालन करते कथा से ज्ञान सीखने की अभिलाषा जाहिर करते मानव प्राणी की सीख लेने की बात दोहराई। आज दुनिया चित्र की पूजा कम अब चरित्र का पूजा ज्यादा कर रही है। ईच्छा एवं जिज्ञासा ही सामाधान का जन्म देती है। लेकिन गलत जिज्ञासा पतन का कारण भी बन सकती है।

आत्मा की आनंद देने वाली माँ भगवती के नव दुर्गा की रूपों की बड़ी ब्याख्यान करते दीदी हेमलता शास्त्री ने  जगत जननी के प्रार्दुभाव से देवताओं समेत स्वयं भगवान विष्णु को सहयोग की बात विस्तार से संगीत मयी धुनों से सजी बरबस लोगों को थिरकने पर मजबूर कर दिया।बनावट, मिलावट, दिखावट तथा सजावट से परहेज करने के बाद भक्ति मिलने का संकेत दिया।

 कथा आरती में मुख्य यजमान रामसेवक दुबे एवं ट्रस्टी जितेंद्र दुबे,रेनू दुबे समेत तमाम लोगों ने माँ की याचना की। कार्यक्रम का संचालन भोजपुरी देवी गीतों के व्यास मनदेव दुबे कर रहे है।

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