भदोही जिले सहित नगर एवं ग्रामीणांचलों में रही बसंतपंचमी की धूम

रिपोर्ट-राम मोहन अग्निहोत्री

विधि विधान से पूजी गई बाणी की अधिष्ठात्री देवी.


ज्ञानपुर,भदोही। स्थानीय नगर सहित ग्रामीण अंचलों में रविवार को चहुंओर बसंत पंचमी की धूम मची रही। विभिन्न स्थानों पर विभिन्न आयोजन कर सरस्वती पूजन व स्नान दान का पर्व श्रद्धा के साथ मनाया गया। विशेषकर विद्यालयों में सरस्वती पूजन,रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए । इस मौके पर श्रद्धालुओं ने गंगा घाटों पर डुबकी लगाने के बाद मां सरस्वती की पूजा अर्चना की । समूचे जिले के विभिन्न गंगा घाटों सीतामढ़ी ,सेमराधनाथ, रामपुर गंगा घाट गुलौरी घाट,चतुर्मुख गंगा घाट, बिलासपुर गंगा घाट के अलावा महाराजगंज के द्वारिकापुर, कोलाहलपुर,इटवां आदि गंगाघाटों पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ सुबह से लेकर शाम तक देखी गई । श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते जगह-जगह से घाटों के किनारे आए दुकानदार घर गृहस्थी से लेकर सौंदर्य प्रसाधन के अलावा चाट-नाश्ते का स्वाद लेते दिखे । प्रमुख स्नान बसंत पंचमी पर्व पर प्रयाग से लेकर रामपुर गंगा घाट पर श्रद्धालुओं उम्ड़े दिखे । वहीं ज्ञानपुर रोड रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म भी श्रद्धालुओं की भीड़ से पटा रहा । साथ ही साथ पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी- इलाहाबाद रेलमार्ग                                                                                                                                             स्थित जंगीगंज, ज्ञानपुर रोड, माधोसिंह,कटका,माधोसिंह ,रेलवे स्टेशनों पर श्रद्धालुओं की भीड़ ट्रेन का इंतजार करती दिखी । सर्वाधिक भीड़ प्रयागराज जाने वालों की रही। वाणी की देवी मां सरस्वती ने बसंत पंचमी के दिन वीणा बजा कर स्वर संचार किया था । तभी से बसंत पंचमी का पर्व सरस्वती पूजन के रूप में मनाया जाता है । रविवार को नगर सहित विभिन्न स्थानों पर मां सरस्वती की पूजा अर्चना की गई। विशेषकर विद्यालयों में नेशनल इंटर कॉलेज, पी.बी.एस.पब्लिक स्कूल ,डा०आर.के. पांडेय विद्यालय,सनबीम स्कूल, मॉर्डर्न पब्लिक  स्कूल सहित विभिन्न विद्यालयों में विधि विधान से मां सरस्वती की पूजा की गई। इस दौरान दिवस की विशेषता पर प्रकाश डाला गया। कुछ विद्यालयों में छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया । पिपरी गांव स्थित मॉर्डर्न पब्लिक इंटर कॉलेज के इंटर कॉलेज और मोढ़ के सेवा सदन इंटर कॉलेज , सूर्या बालिका इन्टर कालेज तथा सुरियांवा, दुर्गागंज स्थित विभिन्न विद्यालयों में मां वीणा वादनी का पूजन किया गया। इसी क्रम में गोपीगंज नगर स्थित विभिन्न सरकारी अर्द्ध सरकारी मान्यता प्राप्त गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों में भी वाणी की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती के तैल चित्र पर माल्यार्पण करने के पश्चात विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की गई। गोपीगंज के पड़ाव ज्ञानपुर रोड रेलवे स्टेशन मार्ग स्थित स्वामी विवेकानंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य अजय त्रिपाठी के नेतृत्व में छात्र एवं छात्राओं ने सरस्वती मां के तैल चित्र पर विधिवत पूजन अर्चन के उपरांत दीपोत्सव,विविध सांस्कृतिक उत्सव कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। इंग्लिश मध्यम सेंट थॉमस स्कूल फूलबाग ज्ञानपुर रोड स्थित विद्यालय परिसर में प्रधानाचार्य वृंदासैम के द्वारा सरस्वती पूजन का कार्यक्रम विधिवत आयोजित किया गया जिसमें उपस्थित छात्र छात्राओं ने अनेकानेक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इसी तरह डोनिव इंग्लिश माध्यम पब्लिक स्कूल सी.बी.एस.सीई. में प्रधानाचार्य रतन शंकर जायसवाल, एस.सी.डी. इंग्लिश माध्यमिक स्कूल फूलबाग में प्रधानाचार्य विजय शंकर मिश्रा भारत भारतीय जूनियर हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट विद्यालय खत्री बारी रामपुर रोड में प्रधानाचार्य माता प्रसाद चौबे पंडित मदन मोहन बाल विद्या आश्रम में प्रधानाचार्य डां.अरूण कुमार यादव ने ज्ञान के अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती के चित्र पर विधि विधान के साथ अपने अपने विद्यालयों में पूजन अर्चन के उपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन कर मां सरस्वती के छात्र जीवन में उनकी कृपा पात्रता की चर्चा की और उत्साह पूर्वक कार्यक्रम आयोजित किए। इस दौरान जगह-जगह भजन कीर्तन का आयोजन किया गया। जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु डटे रहे । जी बी पंत फाउंडेशन स्कूल में प्रधानाचार्य श्री रामसिंह  द्वारा पुरुषोत्तमपुर स्थित आर एन पब्लिक स्कूल में प्रबंधक नीरज सिंह द्वारा परसीपुर स्थित सीबी मेमोरियल स्कूल में विनय उपाध्याय द्वारा बसंत पंचमी के अवसर पर मां सरस्वती का पूजन अर्चन किया गया ।ज्ञांत हो कि बसंत ऋतु को ऋतुओंका राजा भी कहा जाता है ।यह त्यौहार इसलिए भी खास माना जाता है। क्योंकि बसंत पंचमी के दिन से ही बसंत ऋतु का आगमन शुरू हो जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार बसंत पंचमी का दिन अबूझ मुहूर्त के तौर पर भी जाना जाता है। जिसके चलते इस दिन को नए कार्यों की शुरुआत के लिए उत्तम दिन माना गया है। यही कारण है कि बसंत पंचमी के दिन कामदेव की पूजा का भी विशेष महत्व माना गया है । हिंदू धर्म के अनुसार कामदेव को काम और प्रेम का देवता माना जाता है । इस दिन मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा, घर की नींव,गृह प्रवेश ,वाहन खरीदने यानी ज्यादातर शुभ कार्य करने जैसे कार्यो की शुरुआत करना ही बहुत शुभ कार्य माना गया है। भारतीय संस्कृति के सनातन धर्म में मॉ सरस्वती  की महिमा अपरंपार है।बसंत पंचमी के दिन रविवार को नगर और ग्रामीण क्षेत्रो मे मां सरस्वती की पूजा विधि-विधान पूर्वक पूर्वक की गई।इस दौरान विविध कार्यक्रम का आयोजन किया गया।सोमवार को बसंत पंचमी का पर्व हर्ष उमंग उल्लास के साथ मनाया गया। नगर व ग्रामीण क्षेत्रों मे स्थित शिक्षण संस्थानों में विद्या की देवी मां सरस्वती की 

की आराधना की गई। माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर विधि विधान पूर्वक पूजन किया गया। दैनिक कृत्यों से निवृत्त होकर अपने इष्ट देवी देवताओं की पूजा अर्चना के पश्चात बसंत पंचमी व्रत का संकल्प लेकर आस्था श्रद्धा और विश्वास के  साथ विधि-विधान पूर्वक पूजन किया। कुछ लोगो ने नव प्रतिष्ठान व व्यापार का जहा शुभारंभ किया वही  घर परिवार के अतिरिक्त मंदिरों और सार्वजनिक स्थानों पर मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित करके विधि-विधान पूर्वक पूजा अर्चना की।बसंत पंचमी के दिन अधिकांशत: स्थानो पर होलिका की भी स्थापना की गई।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट