समाज के नाम पर रोटी सेंकने वाले आगे से हो सावधान

हिंदी समाचार की खबरों का असर, समाज के एक बड़े वर्ग ने कार्यक्रम का किया बहिष्कार

दशकों से समाजसेवा में सहभागी वरिष्ठ रहे नादारद

ग्राउंड पर करना होगा काम, नाच गाने से नही चलेगा काम

तमाम मुख्य अतिथि नही हुए उपस्थित, आयोजकों को ही मंचासीन होना पड़ा।

कल्याण : आप की आशा के अनुरुप हिंदी समाचार एक बार फिर समाज की विचारधारा एवं समाज क्या चाहता है इस विषय को लेकर आपके समक्ष उपस्थित है। 


हश्र क्या हुआ गुमराह करने का यह तो आप लोगों ने संगम के कार्यक्रम में देखा। थोथा चना बाजे घना। बहुत ज्यादा विस्तार में न जाकर केवल यह बताना चाहूंगा कि हिंदी समाचार ने सूत्रों के अनुसार जो कयास लगाए थे वह सच साबित हुए मुख्य अतिथियों में से केवल दो लोग उपस्थित हुए और जैसा कि आयोजकों की तरफ से यह ऐलान हुआ था कि पिछले एक कार्यक्रम की तरह आयोजक मंचासीन नही होंगे यह भ्रम उन्हें तोड़ना पड़ा और मुख्य अतिथियों की अनुपस्थिति के कारण आयोजकों को मंच की शोभा बढ़ानी पड़ी।


नादारद रहे दशकों से समाज सेवा करने वाले वरिष्ठ

उत्तर भारतीय समाज मे दशकों से समाज के प्रति समर्पित वरिष्ठों ने उपस्थित न होकर यह साफ कर दिया कि उनकी अवहेलना करने पर दुष्परिणाम सामने आ सकते हैं।


राजनैतिक दलों में पहुंची सही सूचना, किसी को भी नही मिलेगा टिकट


एक बार फिर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हिंदी समाचार यह दावा करता है कि संगम द्वारा किए गए कार्यक्रम से सभी राजनैतिक दलों में समाज के प्रति एक नकारात्मक प्रभाव पड़ा जिसके कारण भविष्य में किसी को भी आगामी चुनाव में टिकट मिलना असंभव है। 


समाज को एकत्रित करने के लिए किए गए कार्यक्रम में कहीं भी ऐसा नही दिखा की समाज के भविष्य के लिए कोई ऐसी बात कही गयी हो जिससे समाज पर एक गहरी छाप छूटी हो और उपस्थित समाज ने उसकी भूरि भूरि प्रशंसा की हो।


आने वाले दिनों में यदि समाज को एकत्रित करना है तो तामझाम से ज्यादा आम आदमी के बीच समय गुजारना होगा। पौने दो लाख मतदाताओं के बीच यदि अपार मेहनत के बाद 500 या 1000 की भीड़ जुटती है (जिसमे गायक और विदूषकों का भी काफी अहम योगदान है) तो इसे सफलता की श्रेणी में नही रखना चाहिए औसत आप खुद निकाल सकते हैं।

वरिष्ठ पत्रकार शैलेश तिवारी के अनुसार नाराज संस्था के लोगों ने भी अपना योगदान समाज के नाम पर दिया अन्यथा कानूनी तौर पर सभी पोस्टर बैनर को उतारा जा सकता था। साथ ही भविष्य में समाज के नाम पर कार्यक्रम आयोजित करने से पहले समाज के लोगों को विश्वास में लेने की बात भी कही।

रिपोर्टर

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