मायावती : भाजपा गुप्तचरी के लिए चंद्रशेखर को बीएसपी में कराना चाहती थी शामिल ,

लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बीते शनिवार को रोड शो किया था। जिसके बाद बसपा ने चंद्रशेखर से फिर किनारा किया है। दलित मतों के बिखराव की आशंका के चलते बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर भीम आर्मी को आड़े हाथों लिया है।

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के ट्वीट के बाद ना केवल भीम आर्मी में घबराहट है, बल्कि चंद्रशेखर के विपक्ष के साझा उम्मीदवारी पर ग्रहण भी दिखने लगा है। दलित सियासत के जरिए राजनीति में उतरने की कोशिश कर रही भीम आर्मी पर बसपा फिर से हमलावर है।

इससे पहले भीम आर्मी के बहुजन समाज की राजनीति और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती से जुड़ाव के बयान पर भी बसपा ने पल्ला झाड़ा था। उस वक्त पूर्व सीएम मायावती ने चंद्रशेखर और भीम आर्मी से ना केवल किनारा किया था, बल्कि दलितों से गुमराह नहीं होने की अपील भी की थी।
सहारनपुर जातीय हिंसा के आरोपी चंद्रशेखर ने शनिवार को रोड शो कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधियों को अपने मंच पर आमंत्रित किया था। इससे पहले कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने मेरठ में उनसे मुलाकात की थी।
तब से कयास लगाया जा रहा था कि कांग्रेस सहित अन्य विपक्ष वाराणसी लोकसभा सीट पर चंद्रशेखर पर दांव लगा सकती हैं। मगर, बसपा के आक्रामक तेवर ने उन कयासों पर फिलहाल विराम लगा दिया है।मायावती के ट्वीटर अकाउंट से चार ट्वीट किए गए, इसमें हिंदी और अंग्रेजी में दो-दो ट्वीट हैं। ट्वीट में उन्होंने भाजपा पर सीधा हमला बोलते हुए लिखा कि भाजपा ने भीम आर्मी का सहारा लिया है। मायावती ने लिखा कि भाजपा गुप्तचरी के लिए चंद्रशेखर को बीएसपी में शामिल कराना चाहती थी, मगर उसका प्रयास विफल रहा।

दलितों के वोट बांटकर भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए भीम आर्मी के चंद्रशेखर को वाराणसी से चुनाव लड़वा रही है। यह संगठन भाजपा ने षड्यंत्र के तहत बनवाया है। मायावती के इस ट्वीट के बाद भीम आर्मी के सामने दलित सियासत की चुनौती होगी।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट