राजनीतिक दलों की सियासी तापमान में तेजी, सुस्त है सचल-दस्ता

रिपोर्ट-राम मोहन अग्निहोत्री 

ज्ञानपुर, भदोही ।। निर्वाचन आयोग के कड़े निर्देशों के बावजूद लोकसभा भदोही में तैनाय सचल दस्ते सड़कों पर दिखाई नहीं दे रहे हैं । जिसके चलते राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता सचल दस्तों की लापरवाही का भरपूर लाभ उठाते देखे जा रहे हैं। बता दें कि जिले में विभिन्न दलों के नेता व कार्यकर्ता आज भी अपने वाहनों पर पार्टियों का झंडा लगाकर घूमते देखे जा रहे हैं । प्रत्याशियों के साथ वाहनों का लंबा काफिला भी चलता है। लेकिन सचल दस्ते के लोगों का कहीं अता-पता नहीं रहता । सचल दस्ते को जिला प्रशासन द्वारा वाहन और संसाधन भी मुहैया करवाया गया है । पर वे तभी क्षेत्र में निकलते हैं जब कहीं से चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की कोई सूचना मिलती है। लोगों का कहना है कि गर्मी का सीजन और ऊपर से तेज हवाओं के झोंके से झुलसने से बचने के लिए अधिकारी व कर्मचारी बंद कमरों की छांव में गर्मी से राहत पाने में जुटे रहते हैं। आदर्श चुनाव आचार संहिता का कड़ाई से पालन होने की बात बेमानी लगती है । जिले में लोकसभा चुनाव का प्रचार पूरूी रवानी पर पहुंच चुका है । सपा-बसपा गठबंधन.सहित  कई अन्य दलों के प्रत्याशी धुआंधार चुनाव प्रचार में जुटे हैं। दर्जनों कार्यकर्ताओं के साथ क्षेत्रों का भ्रमण करने में जुटे हैं ।इस दौरान प्रत्येक दल के प्रत्याशी गावों, चौराहों और  नुक्कड़ सभाओं  को बिंना अनुमति संबोधित करते देखे जा रहे हैं ।सचल-दस्तों की सुस्ती से प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के हौसले बुलंद हैं जिला प्रशासन का फरमान है कि कोई भी प्रत्याशी अपने साथ10 या उससे अधिक वाहनों का काफिला लेकर नहीं चलेगा.।पर प्रशासन. काये फरमान रोज ध्वस्त होता देखा जा रहा है।आम जनमानस का कहना है कि जिला-प्रशासन महज अखबारों में बयान जारी कर चुनाव आचार संहिता का पालन करवाने मे जुटा है।

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