2014 में सत्ता परिवर्तन भाजपा के पक्ष में थी 2019 में भी सत्ता परिवर्तन की लहर

रिपोर्ट-राम मोहन अग्निहोत्री 

पलट सकती है बाजी गठबंधन के पक्ष में?.


ज्ञानपुर,भदोही। भदोही लोकसभा चुनाव वर्ष 2014 की बीते सत्ता परिवर्तन की लहर के चुनाव की पूर्वापेक्षा इस बार  वर्ष 2019 के लिए हुए 78 भदोही लोकसभा चुनाव में कई मामले में काफी महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है। और चुनाव परिणाम भी काफी चौंकाने वाला हो सकता है। उत्तर प्रदेश और बिहार प्रांत में सपा बसपा गठबंधन दल के प्रत्याशियों के लिए  2019 का यह लोकसभा चुनाव कई मामले में सत्ता परिवर्तन की ओर संकेत दे रहा है। 12 मई को छठे चरण के चुनाव में लगभग 19 लाख मतदाता के सापेक्ष 54.77 प्रतिशत मतदान हुआ है।2014 में 53.54 प्रतिशत मतदान हुआ था।2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्यासी 4.1 लाख वोट पाकर विजयी हुए थे।जबकि सपा व बसपा का वोट मिला कर 4.75 लाख मत मिले थे।तब देश में सत्ता परिवर्तन की लहर में जनता ने भाजपा को विकल्प के रुप में प्रचंड बहुमत दिया था।हालाकि 2014 से पूर्व भाजपा ने कांग्रेस सरकार की जम कर आलोचना कर घेरने का काम किया था।उस समय बाबा राम देव विदेश में जमा कालाधन को लेकर काफी परेशान थे।समाजसेवी अन्ना हजारे भी लोकपाल बिल पास कराने को बड़ा आंदोलन छेड़े थे।स्मृति ईरानी जी को 450 रु. का ईधन गैस महंगा लग रहा था।मां गंगा के जल को स्वच्छ करने की चिंता उमा भारतीय जी को अधिक थी।इस मामले में मोदी जी ने भी साथ दिया और 2014 लोकसभा चुनाव में यहा तक कहा कि ना मै आया हूं ना किसी ने मुझे भेजा है।मुझे तो माँ गंगा ने बुलाया है।किसानो के भुखमरी को लेकर भाजपा के लोग काफी चिंतित थे।यहां तक कि मोदी जी ने कहा था कि 56 इंच का सीना है।हमारी सरकार बनी और आतंकवादी घटना में एक जवान यदि शहीद हुआ तो दुश्मन के दस सर काटे जायेगे।देश की जानता ने विश्वास कर वोट दिया।अब पुनः 2019 का चुनाव आ गया।बाबा राम देव व अन्ना हजारे जी आराम फरमा रहे है।अंध भक्त पुनः 2014 लोकसभा चुनाव जैसे प्रचंड बहुमत जैसा ख्याली पुलाव पका रहे है।जबकि सच्चाई यह है की 2014 में जनता में सत्ता परिवर्तन की लहर थी न कि भाजपा कि।वही हाल इस बार 2019 में सत्ता परिवर्तन की लहर है।अंध भक्त भले ना माने।अब जनता जागरुक हो गई है जनता जुमलो से नही चुनाव में किये वादो को पूरा करने से खुश होगी।जो भाजपा ने चुनावी सभाओं में देश की जनता के प्रति बहुत सारे वादे किए थे एक भी वादा पूरा नही की इस बात को लेकर के 2019 के लोकसभा चुनाव में जनता के बीच परिवर्तन की लहर जबरदस्त रूप से देखी गई।

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