रमजान के आखिरी जुमा शुक्रवार को मुसलमानों ने मस्जिदों में नमाज ए अलविदा अदा की

रिपोर्ट - राममोहन अग्निहोत्री

ज्ञानपुर,भदोही ।। रहमतो व नेमतो की बारिश का मुकद्दस माहे रमजान के रोजे अब आखिरी पड़ाव में पहुंच गया है। शुक्रवार को रमजान का चौथा जुमा रहा। जिले के ज्ञानपुर,गोपीगंज, जंगीगंज, खमरिया, औराई, माधोसिंह,  सुरियावा, दुर्गागंज अभोली आदि नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शुक्रवार को रमजान के आखिरी जुमा को मुसलमानों ने खुदा की बारगाह में सज़दा करते हुए नम आँखे लिए अकीदत के साथ रोजेदारों ने मस्जिदों में नमाज-ए-अलविदा अदा की।अलविदा के जुमे को ही छोटी ईद भी कहा जाता है।अलविदा नमाज के साथ ही ईद के करीब आने की खुशी रोजेदारों में परवान चढ़ जाती है।नमाज अदा करने के दौरान मस्जिदों में बुजुर्ग, नौजवानों के साथ छोटे बच्चे भी काफी संख्या में दिखे अधिक नमाजी होने के कारण कुछ मस्जिदों में छत पर एवं सड़को पर भी नमाज अदा की गई। नमाज के बाद अल्लाह से मुल्क व राज्य की तरक्की , सुख समृद्धि की दुआएं मांगी गईं।तकिया कल्लन शाह जामा मस्जिद के तीनो तल के अलावा भीड़ के चलते सड़क पर भी नमाज अदा हुई।अलविदा नमाज के बाद खुतबे में कहा गया की रमजान का आखिरी जुमा अब माहे मुबारक हम सभी से जुदा हो रहा है । जो इंसानियत, रहमदिली, मोहब्बत का पैगाम यह मुबारक महीना हमें दे गया है, उसको अपने दिल से लगा लो। अल्लाह की रहमतों के नूर को अपने दिल में ऐसे सजाओं जो दूसरे के दिलों को रौशन कर सके । अलविदा की सबको मुबारकबाद दें और आखिरी अशरे के चंद दिनों में जितनी हो सके इबादत करें। वहीं इस पाक माह के अंतिम जुमे पर नामाजियों ने खुदा से यहीं दुआ मांगी है कि मेरे शहर व मुल्क को हर परेशानियों व दिक्कतों से दूर करे और हमेशा अमन-शांति व भाईचारा बना रहे।अलबेदा के नमाज के दौरान सुरक्षा के व्यापक प्रबंध रहा। *जामा मस्जिद गोपीगंज मे हाफिज अनीस ने अदा कराई नमाज-ए-अलविदा.* मुकद्दस माहे-रमजान के चौथे जुमे में यानी अलविदा की नमाज पर नगर के राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित जामा मस्जिद नमाजियों से खचाखच भरी रही। दोपहर जुमे के बाद नमाज-ए अजान सुनकर लोग जगह पाने के लिए समय से मस्जिद पहुंच गए थे । इस मौके पर सूरज की तेज लपटों व भीषण गर्मी तथा तपिश और उमस के बावजूद नमाजियों का हौसला बुलंद रहा।भारी संख्या में रोजेदार और मस्लिम समुदाय के लोग,बूढ़े,जवान,व बच्चों की तायदाद देखी गई। भीड़ इस कदर रही कि लोग मस्जिद से बाहर राष्ट्रीय राजमार्ग सड़क पर बने लंबे व विशाल टेंट व.शामियानों में नमाज पढ़ने को मजबूर रहे। नमाजियों से खचाखच भरने के बावजूद बाद में पहुंचने वालों को पीछे की कतारों में खड़ा होना पड़ा।और मस्जिद के बाहर सड़कों पर लगे शामियानों में अलविदा की नमाज अदा करनी पड़ी। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने जीटी रोड के दोनों लेन पर यातायात को नमाज अदा होने तक प्रतिबंधित कर दिया था। जिसके चलते दूर-दूर तक वाहनों की लम्बी कतारें लगी रही।भरी संख्या में पुलिस के जवान और अफसर तेज धूप और गर्मी के तड़प से पसीने में सराबोर मुस्तैद रहे,नमाज अदा होते ही जामा मस्जिद के पेश इमाम हाफिज अनीस ने बारगाहे परवरदिगार में दोनों हाथों को फैलाकर देश में अमनों-अमन  के साथ आलमें-इस्लाम के लिए दुआएं खैर की। दोनों हाथों को फैलाकर उन्होंने रब्बुल इज्जत से दुआ की, कि तू ही कायनात को इज्जत देने वाला है। दुनिया में जो भी परेशान हैं उनकी परेशानियों को दूर करके उन्हेंसफापहुंचाऐरब्बुल-आलमीन, जो रोजी-रोटी रोजगार से परेशान हैं। उनके रिज्क अता फरमा। जो नमाज नहीं पढ़ते हैं, उन्हें नमाज पढ़ने की तौफीक अता फरमा। अल्लाह हम सब गुनाह में डूबे हुए हैं, लेकिन तू ही गफूर-ए-रहीम है। हम पर रहम कर और सारी कौम व कायनात को बख्श दे। हम सब गुनहगारों की खताओं को माफ कर। अपने हबीब के सदके में गुनाहों से दूर रख।हमसियाकार हैं, वदकार हैं, लेकिन तेरे महबूब की उम्मत से हैं। हमारे गुनाहों  को बख्श दे। हाफिज अनीस ने रो-रोकर दुआएं मांगते हुए परवरदिगार की बारगाह में अपना दामन भिगोते हुए कहा, कि अल्लाह बहुत बड़ा एहसान और रहम दिल है,जो हम सब उम्मते मोहम्मदिया के सिलसिले में पैदा हुए और हम लोगों को इतना प्यारा महीना रहमतों और बरकतों वाला रमजान माह भी मिला। जिसमें अल्लाह ने बेशुमार रहमतें नाजिल की हैं। इस मौके पर भारी संख्या में दूरदराज के ग्रामीण व नगर के आसपास क्षेत्रों के लोग शामिल रहे।सुरक्षा के मद्देनजर भारी संख्यामेंसुरक्षा-बल तैनात रहे।

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