भाजपा के पुनः पूर्ण बहुमत में आने के बाद से यूपी बिहार में पढ़े कितने यादवो की हुई हत्या..

मुंबई के यादव समाज मे हत्या को लेकर दिखा आक्रोश 

आखिरकार भाजपा के पुनः सत्ता में आने के बाद से ही क्यो हो रही हत्याये ?

मुंबई ।। भाजपा की पूर्ण बहुमत आने के बाद से ही यु.पी. और बिहार मे लगातार यादवों की हत्या का सिलसिला शुरू हो गया है 23 मई के बाद अभी तक 25 यादवों का हत्या हो गई हैं लगातार हो रही हत्याओं से यादव समाज मे नाराजगी फैली हुई है वही मुंबई मे यादव समाज के लोगों ने भी भाजपा के कार्यशैली पर आक्रोश जताते हुए सवाल खड़ा किया है कि आखिरकार भाजपा सरकार राज में ही यह क्यो हो रहा है और यादव ही क्यो इसके शिकार बन रहे है हालांकि भाजपा ने इनके सवालों पर अंकुश लगाते हुए इसे मात्र एक संयोग ही बताया है ।  

गौरतलब हो कि 23मई को भाजपा सरकार के बहुमत मे आने के बाद उसका सबसे बडा असर यु.पी. और बिहार के राजनित मे दिखा जबसे योगी जी ने कार्यभार संभाला तब से यु.पी. मे यादव समुदाय को एक तरफा टारगेट बनाकर सताया जा रहा था यहाँ तक तो सब ठीक ठाक था लेकिन पंच वर्षीय कार्यकाल पूर्ण होने के बाद फिर से चुनाव हुआ और इस बार भी भाजपा ने पूर्ण बहुमत हासिल कर जीत का परचम लहराया इसी के साथ यूपी और बिहार में हत्या का सिलसिला भी शुरू हो गया 23 मई को रिजल्ट आने के बाद से अभी तक पुरे यु.पी. और बिहार मे 25 यादवों की हत्या कर दी गई लेकिन प्रशासन के तरफ से कोई कठोर कदम नहीं उठाया जा रहा है ऐसी चर्चा यादव समुदाय के बीच चल रही है। 

बता दे कि 23 मई को लखनऊ के दुकानदार सोनू यादव व सिद्धार्थनगर के  शिक्षिका अंजली यादव की हत्या कर दी गयी उसके पश्चात तो जैसे हत्या का सिलसिला ही शुरू हो गया, 24 मई को गाजीपुर के जिला पंचायत सदस्य सपा नेता विजय यादव, प्रयागराज की रहनेवाली राखी यादव, लखनऊ के रविन्द्र यादव की हत्या, नवादा के पास जमुई के राजकुमार यादव, जितेंद्र यादव व एक अन्य युवक का अपहरण कर हत्या कर दी गयी तो 25 मई को बदायूँ के शोभा यादव, बालोद की रहनेवाली रोशनी यादव, नालन्दा के नीरज यादव, फर्रुखाबाद के निवासी मनोज यादव की हत्या हुई तत्पश्चात 26 मई को गोंडा के दबंगों द्वारा वृद्ध रामसखोवन यादव, पटना के गार्ड अवधेश यादव, पूर्णिया के पप्पू यादव, मथुरा के दुकानदार भरत यादव, संभल के निवासी सोमवीर यादव की हत्या की गई तो 27 मई को ललितपुर की रहनेवाली गुड्डी यादव की कुल्हाड़ी से हत्या की गई, 28 मई को नालंदा के होमगार्ड जवान के पुत्र नवीन यादव, देवरिया के रहवासी प्रियंका यादव की हत्या की खबर आई, 29 मई को मैनपुरी के दुर्वेश यादव की हत्या की गई तो 30 मई को प्रयागराज के निवासी कौशलेश यादव, आजमगढ़  के 65 वर्षीय मजदूर रामप्यारे यादव की हत्या हुई इसी तरह 31 मई को जौनपुर जिला पंचायत सदस्य सपा नेता लालजी यादव, आजमगढ़ के रहवासी धर्मेन्द्र यादव एवम अम्बेडकर नगर के निवासी रक्षाराम यादव की हत्या कर दी गयी हर दिन यु.पी बिहार मे यादवों की हो रही हत्या से यादव समाज सकते में आ गया है पर प्रशासन की तरफ से कोई कड़ी कार्यवाई ना होने से उनमें नाराजगी भी फैली हुई है आखिरकार प्रशासन, बुद्धिजीवी व नेताओं ने मौन क्यो साध रखा है । प्रति दिन हो रही घटनाओं मे यादव समाज को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है कहीं ना कहीं प्रसाशन इसका जिम्मेदार जरूर है करीब 10 दिनों में 25 यादवों की हत्या कही ना कही भाजपा सरकार के खिलाफ सवालिया निशान खड़ा कर रही है यादव समुदाय के लोगो का कहना है कि यह कही ना कही यादवों के विरुद्ध कोई राजनैतिक षड्यंत्र किया जा रहा है।

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