क्या डूब गई "नव अभियान" संस्था, भूल गए समाज को समाज के ही रहनुमा!!

कल्याण : बड़े ही जोर शोर की तैयारी के साथ शुरु हुई थी "नव अभियान" संस्था। उत्तर भारतीय समाज के लोगों ने दिल लगाकर इसमें साथ दिया और समय का चक्र घुमा मामला टाँय टाँय फिस्स। 


गत कई वर्षों से उत्तर भारतीय समाज की यह संस्था 15 अगस्त को स्थापना दिवस मनाती थी जिसमे समाज के हर वर्ग के लोग शिरकत करके आयोजकों का उत्साहवर्धन करते तथा खुद को भी गौरवान्वित महसूस करते लेकिन राजनीति के फेरे में पड़कर संस्था लगभग मृतप्राय हो चुकी है और डूबने के कगार पर है ऐसा हिंदी समाचार नही बल्कि संस्था के कुछ पूर्व पदाधिकारियों एवं समाज के लोगों का मानना है।

सूत्रों से मिली पुष्ट जानकारी के अनुसार इस वर्ष कार्यक्रम के लिए कोई मीटिंग नही की गई कुछ वर्तमान पदाधिकारियों और पूर्व पदाधिकारियों से चर्चा करने पर यह पता चला कि संस्था में फूट होने की वजह से ऐसा हुआ और इस वर्ष कार्यक्रम नही हुआ। साथ ही कुछ इस तरह की दलील देते नजर आए की बाढ़ की वजह से इसे नही किया गया, तो यदि आयोजन होना होता तो कई माह पूर्व से तैयारी शुरू हो जाती थी पावती कटने लगती थीं, बयाना (अग्रिम राशि) दे दी जाती थीं लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ तो यह दलील तो फेल हो जाती है।

थोड़ा फ़्लैश बैक में जाएं तो पहले अध्यक्ष विजय उपाध्याय के नेतृत्व में कुछ वर्षों तक सफल आयोजन होते रहे। हालांकि संस्था जिस उद्देश्य से बनाई गई थी उस पर कभी नही चल सकी और केवल एक आयोजन तक ही सिमट कर रह गयी।

तमाम उठापटक और विवादों के बाद ( निश्चित रूप से जिक्र किया जाता लेकिन काफी लंबी कहानी है, आवश्यकता होने पर यह भी सामने आएगा) दूसरे अध्यक्ष संजय मिश्रा को चुना गया लेकिन सहयोग के आभाव में वह भी अक्षम रहे संस्था को नई दिशा देने में। इसके बाद से ही लाबी के रूप में संस्था बंट गयी और लगभग अब मृतप्राय हो चली है।

हालांकि कुछ दिनों पूर्व जब संगम संस्था की शुरुवात उन्ही कार्यकर्ताओं द्वारा हुई थी तो पूर्व अध्यक्ष नव अभियान विजय उपाध्याय द्वारा निम्न बातें कही गईं थीं लेकिन 15 अगस्त को संस्था का स्थापना दिवस नही मनाया जाना कहीं न कहीं यह दर्शाता है कि संस्था मृतप्राय हो चली है। विगत वर्षों में किसी भी तरह के सामाजिक कार्य संस्था द्वारा नही किये गए हैं।

7 मार्च 2019 का कथन
कहाँ है संस्था की एम्बुलेंस, अब तक कितने लोगों ने ली सेवा?? एक अनुत्तरित प्रश्न

नव अभियान संस्था की एक एम्बुलेंस का लोकार्पण भी 15 अगस्त को हुआ था जोकि समाज के नाम पर समर्पित थी लेकिन लोकार्पण के बाद से ही लोग उसे ढूंढ रहे हैं उसका कहीं पता नही चल रहा। कुछ लोगों के अनुसार उसका कोई मालिक नही है किससे उसके बारे में बात की जाय यह आम उत्तर भारतीय को पता नही चल रहा। यदि पता चले तो हिंदी समाचार को संपर्क कर उसकी जानकारी दें जिससे हम उसके द्वारा किये जा रहे योगदान को समाजहित में प्रकाशित कर सकें।
क्रमशः समाजहित में 

रिपोर्टर

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