चीनी बस्तुओं का बहिष्कार करें लोग - बी.एल.शर्मा ; हिंदीभाषी एकता परिषद ने की देशवासियों से अपील

ठाणे। राष्ट्रभाषा हिंदी के सर्वांगीण प्रचार-प्रसार व लोगों में राष्ट्रप्रेम का जज्बा जागृत करने में समर्पित अग्रणी संस्था हिंदीभाषी एकता परिषद, ठाणे ने कश्मीर के मामले पर पाकिस्तान का समर्थन करने को लेकर चीन के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई है। और लोगों से आगामी त्योहार पर चीनी बस्तुओं के बहिष्कार की अपील की है। संस्था के अध्यक्ष एडवोकेट बी.एल. शर्मा ने चीन को भी पाकिस्तान की तरह भारत का कट्टर दुश्मन बताते हुए सभी देशवासियों से चीनी उत्पादों का पूरी तरह बहिष्कार किए जाने की अपील की है। केंद्र सरकार के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा कर उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने पर पाकिस्तान व्दारा ऐतराज जताने तथा इस मसले को संयुक्त राष्ट्र परिषद में ले जाने की उसकी मांग का चीन व्दारा समर्थन किए जाने पर शर्मा ने उसे आस्तीन बताया है। उनका कहना है कि एक तरफ जहां चीन के उत्पादों का भारत बहुत बड़ा बाजार है, प्रति वर्ष वह हमसे अरबों की कमाई करता है, वहीँ दूसरी ओर वह हमारे पडोसी दुश्मन देश पाकिस्तान का साथ दे कर हमारे सामने बाहें ऐंठ रहा है। इसलिए भारत के हरेक राष्ट्रप्रेमी-देशभक्त को चाहिए कि आस्तीन में छिपे ऐसे कट्टर दुश्मन के होश ठिकाने लगाने के लिए हम उसकी कमर आर्थिक रूप से तोड़ दें, उसके उत्पादों का बहिष्कार करें। 3 हजार मिलियन डॉलर की आतिशबाजी बेचने वाले चीन के पटाखों का हम बहिष्कार करें, वहां के बने पतंग उड़ाने के मांजे, जिससे हाथ-गला आदि कटने से प्रति वर्ष कइयों की जान पर बन आती है, उस खतरनाक-जानलेवा मांजे का भी बहिष्कार करें और इस तरह हरेक देशप्रेमी खुद के राष्ट्रभक्त होने का प्रमाण दे।

     एड. शर्मा ने कहा है कि यह पहली मर्तबा नहीं है, जब चीन ने भारत के संग मक्कारी का परिचय दिया है, पहले भी इसी तरह कई बार वह ऐसी हरकतें कर चुका है। इसलिए चीन का आर्थिक बहिष्कार कर उसे उचित मजा चखाना जरुरी है। उन्होंने लोगों को सचेत भी किया है कि वह अपने उत्पादों पर ‘पीआरसी’ (पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) लिख कर बेच रहा है, सीधे-सीधे ‘मेड इन चाइना’ न लिख यह उसका लोगों को गुमराह करने का नया तरीका है, सो लोग इससे सतर्क रहें और चीनी उत्पादों का बड़े पैमाने पर बहिष्कार कर अपने राष्ट्रभक्त होने का प्रमाण दें।

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