नजरबंद हुए भदरी स्टेट के बड़े महाराज उदय प्रताप सिंह

रिपोर्ट - साहिल उपाध्याय

आजमगढ़ ।। प्रतापगढ़ स्थित भदरी रियासत के राजा उदय प्रताप सिंह को प्रशासन के आदेश पर सोमवार शाम 5:00 बजे से लेकर मंगलवार शाम तक उनके राजमहल में नजरबंद रखा जाएगा। राजा उदय प्रताप सिंह हर वर्ष मुहर्रम के दिन एक बंदर की पुण्यतिथि मनाते हैं ।और शेखपुरा आशिक गांव स्थित हनुमान मंदिर पर भव्य भंडारे का आयोजन किया करते हैं। प्रशासन का तर्क है कि भंडारे के आयोजन के दौरान ही मोहर्रम के जुलूस के निकलने के कारण दो पक्षों के बीच टकराव की आशंका के चलते राजा उदय प्रताप सिंह को नजरबंद किया जाता है। इसके साथ ही प्रशासन ने राजा उदय प्रताप सिंह को भंडारा और हनुमान पाठ के साथ सुंदरकांड के पाठ की अनुमति भी देने से मना कर दिया है ।  राजा उदय प्रताप सिंह को नजरबंद करने के साथ-साथ राजमहल में उनके करीबी निर्भय सिंह, रमाकांत मिश्रा और हनुमान पांडे को और 550 अन्य लोगों को नोटिस जारी कर धारा 144 जारी करने के बारे में जानकारी दी गई है।

क्याहै मामला–

काफी वर्ष पहले कुंडा के शेखपुरा आशिक गांव में मोहर्रम के जुलूस के दौरान एक बंदर की मृत्यु हो गई थी ।पर्यावरण के प्रेमी राजा उदय प्रताप सिंह ने उसी बंदर की याद में एक बड़े मंदिर का निर्माण करवाया और उसी बंदर की पुण्यतिथि अर्थात मोहर्रम के दिन एक भव्य भंडारे का आयोजन किया करते हैं । यह भंडारा बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी की सरकारों के दौरान चलता रहा है। 2015 में मोहर्रम का जुलूस 3 दिन बाद निकाला गया था और भंडारा अपने समय पर हुआ था। इसी तरह से 2016 में भी प्रशासन की सूझबूझ और सतर्कता के कारण भंडारा और जुलूस एक साथ हुआ था किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हुई थी । परंतु हिंदुत्व का झंडा बुलंद करने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद भंडारे और हनुमान पाठ पर मोहर्रम के दिन पाबंदी लगा दी गई है, यहां तक कि पूरे क्षेत्र में लगाए गए भगवा झंडों को भी उखाड़ लेने की चेतावनी दी गई है। राजा उदय प्रताप सिंह उत्तर प्रदेश की 5 सरकारों में कैबिनेट मंत्री रह चुके कुंवर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पिता हैं। राजा उदय प्रताप सिंह की शिक्षा दीक्षा भारत के प्रतिष्ठित दून स्कूल और जापान विश्वविद्यालय से हुई है राजा उदय प्रताप सिंह वर्तमान में 87 वर्ष के हैं और वह प्रतिदिन कुंडा हरनामगंज रेलवे स्टेशन पर गुजरने वाली ट्रेनों में खाद्य सामग्री बंटवाने का कार्य किया करते हैं। जिसके लिए 15 कर्मचारी रसोई घर में कार्य करते हैं और 75 कर्मचारी रेलवे स्टेशन पर इसे बांटने का कार्य किया करते हैं। राजा उदय प्रताप सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मानद पदाधिकारी रह चुके हैं वह विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता रह चुके हैं इसके अलावा राजा उदय प्रताप सिंह अपने कई भवनों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को दान कर दिया है वह कश्मीरी पंडितों के साथ साथ कारसेवकों की काफी मदद के लिए चर्चित रह चुके हैं। पिछले दिनों राजा उदय प्रताप सिंह के द्वारा ट्विटर पर दिया गया वह बयान काफी चर्चित हुआ था जिसमें उन्होंने भारत के सेना अध्यक्ष बिपिन रावत की इस बात को लेकर आलोचना की थी कि बिपिन रावत ने एक ही मंच पर मौजूद परमवीर चक्र से सम्मानित वीर अब्दुल हमीद और अरुण खेत्रपाल की पत्नी में से सिर्फ वीर अब्दुल हमीद की पत्नी के पैर छुए थे। राजा उदय प्रताप सिंह को हिंदुत्व का बहुत बड़ा समर्थक माना जाता रहा है। राजा उदय प्रताप सिंह के पिता राजा बजरंग बहादुर सिंह हिमाचल प्रदेश के गवर्नर और पंत नगर विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर रह चुके थे ।

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