अमन के शहर बोईसर से निकली ताजियादारों की मुर्हरम जुलूस में सरिक हुए सर्वसमाज के लोग

पालघर ।। जिले में इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मुहम्मद साहब के छोटे नवासे इमाम हुसैन और उनके अनुआइयों की इराक के शहर करबला में हुई शहादत की याद में मुर्हरम का रंजोगम के साथ जगह-जगह अमन शांति का पैगाम लिए जुलूस निकाला गया। जिसमें ताजियादारों के साथ भारी संख्या में अन्य धर्मावलंबीयों ने भी हिस्सा लिया। बारिश के वजह से मुर्हरम के  जुलूस में थोड़ा रूकावटें जरूर आयी। लेकिन इमाम हुसैन की  याद में निकली मुर्हरम की जुलूस में इस्लाम के हिफाजत करने वाले हजरत मुहम्मद के घरानों की कुरबानी की याद में आज भी उनके अनुआइयों की जोश में कमी नजर नही आयी।

●अमन के शहर बोईसर में मुर्हरम के जुलूस, सुरक्षा चाकचौबंद●

अमन का शहर बोईसर में रफाई मुहल्ला से निकली मुर्हरम की जुलूस ताजियादारों के साथ भारी तादाद में मुस्लिम बांधवों के साथ अन्य धार्मिक लोग का शिरकत काबिले तारीफ रहा। सुरक्षा एवं जुलूस के रास्ते में यातायात के डार्यवट होने के बाद कड़े सुरक्षा व्यवस्था में पुलिसकर्मियों के साथ नावापुर नाके तक मुर्हरम का जुलूस निकाला गया।

◆इस्लामिक कलेन्डर का पहला महिना है मुर्हरम◆

बतादें कि मुर्हरम इस्लामिक कलेन्डर के पहले माह का नाम है। इसी माह से इस्लाम धर्म का नया साल शुरू हो जाता है। इस माह के 10 तारीख को रोज-ए-आशुरा (डे आँफ आशूरा) भी कहा जाता है। और इसी दिन को अंग्रेजी कलेन्डर में मुर्हरम कहा गया है। मुर्हरम के इसी महीने में हजरत हुसेन इराक के शहर करबला में यजीद के फौज से लड़ते हुए शहीद हो गये थे।

अमन के शहर बोईसर में निकले मुर्हरम के जुलूस में तनवीर आलम सिद्दीकी, आरिफ सिद्दीकी उप तालुका प्रमुख युवा सेना, सुलेमान शेख,विलास संखे, वरिष्ठ नागरिक रमाकांत संखे समेत बहुतेरे लोग शामिल हुए ।

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