कांग्रेस ने बिहार में नीतीश कुमार के सर मढ़ा महागठबंधन तोड़ने का ठीकरा

लखनऊ । जद(यू) के इस बयान पर कि कांग्रेस का साथ न मिलने के कारण उसे बिहार में महागठबंधन से बाहर आना पड़ा, कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी ने कहा है कि नीतीश कुमार महागठबंधन से बाहर आने का मन बना चुके थे और इसलिए उन्हें इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए। 

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि बिहार की जनता ने महागठबंधन के पक्ष में वोट दिया था। चुनाव में राजद को जद(यू) से ज्यादा सीटें मिली थीं। ऐसे में नीतीश का गठबंधन तोड़कर बाहर आना, और फिर उन्हीं लोगों से हाथ मिलाना जिसके खिलाफ उन्हें वोट मिला था, बिल्कुल अनैतिक कदम है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा और 2019 में नरेंद्र मोदी के साथ-साथ उनकी भी सरकार चली जाएगी दरअसल, जद(यू) नेता केसी त्यागी ने रविवार को कहा कि लालू परिवार के भ्रष्टाचार में आरोप सामने आने के बाद नीतीश कुमार ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी, लेकिन राहुल से कोई जवाब न मिलने के कारण उसे महागठबंधन से बाहर आना पड़ा था। कांग्रेस नेता त्यागी के इसी बयान का जवाब दे रहीं थीं सीपीआई नेता अतुल कुमार अंजान ने कहा है कि नीतीश कुमार को बिहार का गठबंधन तोड़ने के लिए बहाना नहीं बनाना चाहिए क्योंकि पूरा देश उनकी सच्चाई जानता है। अंजान ने कहा कि नीतीश कुमार हमेशा आरएसएस से प्रभावित रहे हैं, और इसीलिए कभी अटल बिहारी के समय तो कभी नरेंद्र मोदी के समय बहाना बनाकर संघ के खेमे में जाते रहे हैं, इसलिए भाजपा के साथ जाने के उनके फैसले के बाद किसी को कोई आश्चर्य नहीं हुआ।

सीपीआई नेता के मुताबिक पूरे उत्तर भारत में भाजपा-आरएसएस के खिलाफ आंधी चल रही है। लोकसभा चुनाव के बाद हुए सभी उपचुनावों में भाजपा की करारी हार हुई है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हों या उपमुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्या, दोनों अपनी संसदीय सीट भी बचाने में नाकाम रहे हैं। ऐसे में नीतीश कुमार को भी भाजपा के खिलाफ चल रहे इस माहौल का भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। 

रिपोर्टर

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