छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में स्वामी चिन्मयानंद को मिली बड़ी राहत

चिन्मयानंद के निष्कासन की कार्रवाई का प्रस्ताव लिया जाएगा वापस

प्रयागराज ।। एलएलएम छात्रा से दुष्कर्म मामले में गिरफ्तार पूर्व गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद के बचाव में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद खुलकर सामने आया। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि सोमवार को स्वामी चिन्मयानंद के समर्थन में खुलकर सामने आ गए। महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि छात्रा व उसके दोस्तों की बातचीत की आडियो व वीडियो देखने के बाद साफ हो गया है कि इस मामले में स्वामी चिन्मयानंद को फंसाया गया है और 10 अक्तूबर को हरिद्वार में होने वाली बैठक में चिन्मयानंद के निष्कासन की कार्रवाई का प्रस्ताव वापस ले लिया जाएगा।

अब परिषद उनके विरुद्ध न तो निष्कासन की कार्रवाई करेगा न ही इस मामले की चर्चा की जाएगी। इस तरह षड्यंत्र के तहत साधु-संतों को फंसाकर बदनाम करने वालों से निबटने के लिए परिषद रणनीति भी तय करेगा। इससे पहले अखाड़ा परिषद ने इस मामले में स्वामी चिन्मयानंद को संत समाज से बहिष्कृत करने का फैसला लिया था। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व बाघंबरी गद्दी मठ के महंत नरेंद्र गिरि ने सोमवार को कहा कि इस मामले से जुड़े आडियो- वीडियो को सुनने, देखने के बाद स्पष्ट हो गया है कि यह ब्लैकमेलिंग और रंगदारी वसूलने से जुड़ी घटना है। स्वामी चिन्मयानंद को फंसा कर ब्लैकमेल किया जा रहा था। उनके साथ अन्याय हुआ है। महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि संत समाज को बदनाम करने के लिए बड़े पैमाने पर षड्यंत्र रचा जा रहा है। इससे सावधान रहने की जरूरत है। मोटी रकम के लिए चिन्मयानंद को ब्लैकमेल करने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई साधु-संतों को बदनाम करने और फंसाने के लिए इस तरह के षड्यंत्र किए जा चुके हैं।ऐसे में अब स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई परिषद की ओर से नहीं की जाएगी। इस तरह साधु-संतों के खिलाफ षड्यंत्र रचने वालों से निबटने के लिए अब परिषद पूरी तरह तैयार है। उन्होंने बताया कि अखाड़ा परिषद की 10 अक्तूबर को हरिद्वार में होने वाली बैठक में चिन्मयानंद के निष्कासन की कार्रवाई का प्रस्ताव वापस ले लिया जाएगा।

रिपोर्टर

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