गरीबों और किसानों की जेब पर डाका डाल रहे रोड पर चलने वाले वाहन

दुर्गावती से धीरेंद्र कुमार सिंह की रिपोर्ट

दुर्गावती कैमूर ।। कोरोना जैसे भयंकर महामारी से लॉकडाउन से जूझ रहे मेहनतकश मजदूर और किसान की तो कमर पहले से ही टूट चुकी है। लेकिन अब रोड पर चलने वाले छोटे-मोटे टेंपो मैजिक जीप या प्राइवेट वाहन जो इन मेहनतकश मजदूरों को और किसानों को खुल्लम-खुल्ला लूट रहे हैं ।बता दें कि किसी भी काम के लिए या आवश्यक दवा सब्जी तेल मसाला जैसे जीवन में उपयोग आने वाले वस्तुओं को खरीदने के लिए बाजार जाना आवश्यक हो जाता है। वैसे लोगों से रोड पर चलने वाले छोटे छोटे वाहन मनमाना किराया वसूल रहे हैं । यही नहीं पशुओं की तरह कानून की धज्जियां उड़ाते हुए यात्रियों को भी भर रहे हैं। दुर्गावती से मोहनिया 30 से ₹40 तो भभुआ का भाड़ा ₹60 वसूला जा रहा है। कोई कोई वाहन वाराणसी भी जा रहे हैं जो दुर्गावती से ढाई सौ से ₹300 पर यात्री लेकर यात्री को वाराणसी पहुंचाते हैं। यही नहीं बीच में लॉकडाउन खुला भी  था तब भी कुछ बसें भभुआ से वाराणसी भी ₹200 250 लेकर  के ही यात्री को बनारस पहुंचाते थे ।गौरतलब है कि आज के परिवेश में रोजगार चले गए दवा और सब्जी को छोड़कर सारे धंधों पर विशेष प्रभाव इस महामारी का पड़ा है ।और गरीब मजदूरी करने वालो की तो कमर ही टूट गयी है। ऐसे में इन वाहनों के द्वारा जनता से शोषण लगातार हो रहा है लेकिन प्रशासन बेखबर है। एक चोरी गांव में होती है जिस पर सरकार कार्रवाई करती है और केस चलते हैं। लेकिन सीनाजोरी और कानून के साथ आंख मिचौली कर भोली भाली जनता से इस ठगी से सरकार अनभिज्ञ क्यों है। यदि सरकार और सरकारी महकमा में बैठे पदाधिकारी इस पर ध्यान नहीं देते हैं तो यह शोषण और जनता के साथ लूट रुकने वाला नहीं है। कहावत है हनते को हनीये  पाप दोख मत गनिये वाली कहानी चरितार्थ होती है।यदि जनता भाड़ा उचित देने की बात कहती है तो उसके साथ इन वाहनों के मालिक और चालकों के साथ मिलकर मारपीट की भी किया जाता है।

रिपोर्टर

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