बंध्याकरण के 3 वर्ष बाद महिला हुई 4 माह की गर्भवती डॉक्टरों के ऊपर कार्रवाई के लिए लगाई गुहार
- Lalu Yadav, Reporter Jharkhand/Bihar
- Oct 16, 2020
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दुर्गावती से संवाददाता धीरेंद्र कुमार सिंह की रिपोर्ट
दुर्गावती ( कैमूर ) ।। बंध्याकरण के बाद पत्नी ने किया गर्भधारण जो स्वास्थ्य विभाग के ऊपर कई तरह के सवाल खड़ा कर रहा है। सरकार की योजना के अनुसार एक महिला का ऑपरेशन 3 वर्ष पहले दुर्गावती प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला का बंध्याकरण कर दिया गया था लेकिन महिला गर्भ धारण कर चुकी है। जब महिला को यह पता चला कि मेरे पेट में बच्चे जैसा हलचल मिल रहा है तो तुरंत महिला अल्ट्रासाउंड केंद्र पहुंची जहां जांच के बाद महिला के पेट में अल्ट्रासाउंड के माध्यम से 4 महीने का बच्चे होने की पुष्टि हुई हैं। बता दें कि थाना क्षेत्र के ग्राम खजुरा निवासी संदीप कुमार की पत्नी आरती देवी अपने 2 बच्चों को जन्म देने के बाद अपने परिवार को सीमित रखने के उद्देश्य से सरकार के द्वारा चलाए जा रहे । बंध्याकरण योजना के तहत अपना परिवार सीमित रखने का फैसला किया था। उक्त महिला ने 3 वर्ष पूर्व दुर्गावती के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचकर कुशल चिकित्सकों की देखरेख में बंध्याकरण करवाया लेकिन ऑपरेशन सफल नहीं रहने के कारण , पुनः बच्चा होने का अल्ट्रासाउंड में पुष्टि हुई है । विचारणीय विषय यह है कि कुशल डॉक्टरों के होते हुए भी बंध्याकरण की जगह पेट के अंदर कौन सी जगह की नसों को काट और बच्चों के बंद करने के नसों को छोड़ दिया गया। यदि ऐसे ही और अकुशल डॉक्टर किसी भी महिला के पेट का बंध्याकरण के नाम पर खोलते हैं तो दूसरी भी अनहोनी घटनाएं हो सकती है। इसलिए आरती देवी ने सरकार से गुहार लगाई है कि ऐसे अप्रशिक्षित डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि किसी का पेट फाड़ देना और समुचित इलाज से वंचित रह जाना की पुनरावृति इन डॉक्टरों के द्वारा ना हो सके । इस संबंध में पूछे जाने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी शांति कुमार मांझी ने बताया कि जब तक रजिस्टर नहीं मिलेगा हम उस पर कुछ नहीं जवाब दे सकते हैं।


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