सड़कों पर फेरीवालों की संख्या बढ़ाने के लिए आदेश.12000 फेरीवालों का लक्ष्य

भिवंडी।। भिवंडी मनपा क्षेत्र अंर्तगत फेरीवालो ने सड़कें व फुटपाथ पर कब्जा करने से ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है। इतना ही नहीं इनके कब्जे व अनुशासन हीनता के कारण नागरिकों को चलने के लिए फुटपाथ तक नहीं होता है। इसके आलावा ठेला गाडी फेरीवाले के कारण वाहन चालकों को जाम का सामना करना पड़ता है। इस विकट समस्या के कारण पालिका प्रशासन द्वारा ठेला गाडियों सहित फुटपाथ कब्जा करने वाले फेरीवालो के खिलाफ कार्रवाई करती रही है। किन्तु सरकार के नगर परिषद प्रशासन निदेशालय ने दीन दयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन अंर्तगत भिवंडी शहर में लगभग 12 हजार फेरीवालों को पंजीकृत करने का लक्ष्य दिया है। इस आदेश को लेकर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। 

गौरतलब हो कि हथकरघा उद्योग नगरी के रूप में पहचाना जाना वाला भिवंडी के किसी भी क्षेत्र में हॉकर जोन घोषित नहीं किया गया है। इसके बावजूद बड़े पैमाने पर फेरीवाले विभिन्न क्षेत्रों में अपना व्यवसाय कर रहे है। कोविड काल में जब सभी व्यापारिक, उद्योग बंद हो गए तो केंद्र सरकार ने व्यवसाय की वृद्धि के लिए फेरीवालों को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की घोषणा करते हुए 10 हजार रुपये का ऋण की घोषणा की थी। इस ऋण को सफलतापूर्वक चुकाने वाले फेरीवालों को 20 हजार रुपये ऋण देने की घोषणा की गयी है। 

भिवंडी शहर महानगर पालिका क्षेत्र अंर्तगत दीन दयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत कर्मचारियों ने 9818 फेरीवालों का सर्वेक्षण कर ऋण लेने के लिए सिफारिश की थी। लेकिन उनमें से 8569 फेरीवालों ने ऋण लेने के लिए आवेदन किया जिसमें से 1534 फेरीवालों को ऋण के लिए स्वीकृत किया गया। लेकिन अभी 1349 फेरीवालों को 10 हजार रुपये दिए गयें। 10 हजार रुपये का ऋण चुकाने वाले फेरीवालो को 20 हजार रुपये का ऋण दिया गया है।लेकिन इस साल शहर में फेरीवालों की संख्या 8,000 से बढ़ाकर 12,000 कर देने के लिए लक्ष्य दिया गया है। इनकी संख्या बढ़ाने से शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या को आमंत्रित करने जैसा होगा। कई लोग इस प्रकार का आश्चर्य व्यक्त कर रहे है। खास बात यह है कि अभी तक दीन दयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत केवल 2500 फेरीवालों का सर्वेक्षण किया गया है।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट