सनातन धर्म के खिलाफ चल रहा षड्यंत्र हिन्दुओं को सजग रहकर करना होगा मुकाबला

नवी मुंबई ।। हिन्दू और सनातन धर्म के खिलाफ तरह-तरह के षड्यंत्र किये जा रहे हैं और हिन्दू गहरी नींद में सो रहा है. हिन्दू धर्म को बचाने के लिए हमें जागना होगा, एकजुटता दिखानी होगी, समाज के सभी अंगों को ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी, राजनीति के क्षेत्र में स्वच्छ छवि के लोगों को आगे लाना होगा, तभी सनातन धर्म की रक्षा हो सकेगी. यह विचार सुप्रसिद्ध कथाकार देवकी नंदन ठाकुर ने बातचीत के दौरान व्यक्त किए. देवकी नंदन महाराज ने बातचीत के दौरान राजनीति, विदेशी षड्यंत्र, बालीवुड, सामाजिक व्यवस्था पर बेबाकी से अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि यदि खुद के बारे में ही मनन चिन्तन करेंगे तो हम ऐसे ही बिखरे रहेंगे और इसका फायदा विदेशी शक्तियां उठाती रहेंगी. इन षड्यंत्रकारियों ने सबसे पहले हमारी शिक्षा को टारगेट किया. इनके कालेज एवं स्कूलों में पश्चिमी सभ्यता को प्रमुखता दी जाती है और सनातन धर्म को नजरंदाज किया जाता है. बालपन से ही बच्चों का ब्रेनवाश किया जाता है. इस तरह से वे हमारे सनातन धर्म और हमारे आचार-विचार पर कुठाराघात कर रहे हैं. ऐसे में हमें गंभीरता से सोचना होगा.

महाराज ने सरकार पर अपरोक्ष रूप से हमला बोलते हुए कहा कि हिन्दू स्थलों का पैसा सरकार लेती है, लेकिन वह पैसा कहां जा रहा है, किसी को पता नहीं. यदि उस पैसे को हमारी भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत शिक्षा पर खर्च करें तो  देश की दिशा और दशा दोनों बदल जाए. सरकार को इन मंदिरों के पैसों से हर जिले में 5-5 गुरुकुलम विद्यालय खोलने चाहिए, जिसमें अत्याधुनिक और भारतीय संस्कृति और आचार-विचार का मिश्रण हो. महाराज ने कहा कि एजुकेशन सिस्टम में सुधार करने से ही सारी समस्याएं हल होंगी.

ठाकुर ने कहा कि कुछ अधर्मी युवक अपना नाम और धर्म बदल कर सनातनी बच्चियों से दोस्ती करते हैं. इनकी असलियत का पता चलने तक बहुत देर हो चुकी होती है और मुम्बई की श्रद्धा जैसी घटनाएं होती रहती हैं. इसलिए हमें अपनी बच्चियों को बहुत ही सहेज कर रखने की जरूरत है. 10 रुपये का नोट दिल से लगा कर रखते हैं और कुल की मर्यादा को खुला छोड़ देते हैं. यही समस्या की मूल जड़ है. महाराज ने हिंदुओं को सचेत करते हुए कहा कि सनातनियों को वैवाहिक रिश्ता सनातन धर्म को मानने वालों के साथ करना चाहिए.

असामाजिक तत्वों की धमकी पर हिन्दू समाज द्वारा अपेक्षित समर्थन नहीं दिए जाने का दर्द महाराज के इंटरव्यू में दिखाई दिया. देवकी नंदन महाराज ने कहा कि उन्हें 2 बार जान से मारने की धमकी मिल चुकी है, लेकिन सभी शांत बैठे हैं. यदि समाज ऐसे ही तमाशबीन बना रहा तो कोई सनातन धर्म की आवाज ही नहीं बनेगा. जब राजनेता, पत्रकार, धर्म गुरु एवं संवैधानिक पद पर बैठे अन्य लोग अपने हित के बारे में ही सोचेंगे तो कैसे सनातन की रक्षा होगी. आगे नहीं आ सकते हो तो कम से कम पीछे तो खड़े रहो.

कथाकार देवकी नंदन ने कहा कि यदि सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है तो समाज को आगे आना चाहिए. असामाजिक एवं विदेशी शक्तियों के खिलाफ सड़क पर उतर कर कड़ा प्रतिरोध करना चाहिए. महाराज ने लिव इन रिलेशन से विकृत हो रहे समाज के बारे में कहा कि शादी से पहले किसी दूसरे के साथ रहने की छूट नहीं मिलनी चाहिए. ध्वस्त होते जा रहे सामाजिक ढांचे को बचाने के लिए बेटे एवं बेटियों को धर्म शिक्षा के लिए प्रेरित करना चाहिए, इससे समाज चरित्रवान के साथ सुदृढ होगा. हमें पाश्चात्य और भारतीय सभ्यता में अंतर करना पड़ेगा, तभी इन षड्यंत्रों से बच पाएंगे.

देवकी नंदन महाराज ने सरकार एवं न्यायपालिका पर अपरोक्ष रूप से हमला बोलते हुए कहा कि कन्हैया, अमरावती, पालघर में हुई साधुओं की हत्या, कमलेश तिवारी की हत्या के कातिल का क्या हुआ. ऐसे ही न्यायालय में मुकदमा चलता रहेगा. न्यायपालिका को ऐसे मामलों में द्रुत गति से सुनवाई करनी चाहिए, जिससे दोषियों को समय पर दंड मिल सके.

अंत में महाराज ने कहा कि सनातन और देश की सुरक्षा के लिए कई देश भक्तों ने अपनी जान दी है. मैं भी इसकी रक्षा के लिए बलिदान देने को तैयार हूं. मैं इनकी गीदड़ धमकी से डरने वाला नहीं हूं. सनातन धर्म पर किसी तरह की आंच नहीं आनी चाहिए, इसलिये मैं हमेशा आवाज उठाता रहूंगा.

हिंदुओं का प्रखरता से पक्ष रखने वाले देवकी नंदन महाराज ने कहा कि मैं किसी के धर्म पर टिप्पणी नहीं करता, फिर भी धमकियां दी जा रही हैं. बॉलीवुड की मानसिकता पर प्रहार करते हुए महाराज ने कहा कि इनसे मेरा कोई विरोध नहीं है. ये हमारे धर्म को गलत तरीके से न परोसें. मेरे बच्चों को न बिगाड़ें. अब मैं अपने धर्म के बारे में न बोलूं, यह कैसे हो सकता है.

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