जमीन मालिक व बिल्डरों ने मिलकर 12 लोगों के साथ की करोड़ों की धोखाधड़ी

गुरचरन (चरागाह) की जमीन पर बनाया था कृष्ण विला


आर्थिक अपराध शाखा द्वारा की जा रही है जांच


कल्याण : जाली कागजपत्र बनाकर बैंक से लोन पास कराकर जमीन मालिक, बिल्डर व अन्य साझेदारों ने मिलकर कुल 12 लोगों को फ्लैट की बिक्री कर करोड़ों का चूना लगा दिया। बात फ्लैटधारकों के संज्ञान में आने के बाद डोंबिवली के तिलकनगर पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है तथा इसकी जांच आर्थिक अपराध शाखा ठाणे द्वारा की जा रही है। कल्याण डोंबिवली मनपा के भ्रष्ट अधिकारियों की सह से कृष्णा विला नामक इस इमारत का अवैध निर्माण हुआ तथा अब आम जनता अपनी गाढ़ी कमाई को लूटा कर अपना सिर पीट रही है।


कांचन गांव, खंबालपाड़ा ठाकुर्ली में गुरचरन (चरागाह) की जमीन पर कृष्णा विला नामक इमारत जमीन मालिक व बिल्डरों के सहभाग से बनाई गई। जमीन मालिक रुक्माबाई कालण, चंद्राबाई कालण, संगीता कालण ने उनकी जमीन न होने पर भी कांचन गांव की सर्वे नंबर 29 की जमीन को बनावटी सातबारा, बिना खेती जमीन (एन ए) का बनावटी पत्र बनाकर कृष्णा कंस्ट्रक्शन के साथ विकास करने का करारनामा किया। 

कृष्णा कंस्ट्रक्शन के साझेदार शोभाराम चेनाजी चौधरी, सखाराम चौधरी, विपुल चौधरी व कृष्णा कंस्ट्रक्शन की तरफ से रजिस्ट्री करने वाले विनोद विपुल चौधरी, संजय चौधरी, शारदा चौधरी, अश्विनी खरात आदि लोगों ने मिलकर नकली मनपा की मंजूरी, नकली प्लान, नकली निर्माण मंजूरी, सीसी, ओसी समेत तमाम नकली पेपर बनाकर लोगों का विश्वास जीत कर फ्लैट बेंच दिया तथा लोगों ने बैंक से गृह कर्ज भी लेकर बिल्डरों को दे दिया। लेकिन जब उन्हें यह मालूम पड़ा कि उनके फ्लैट गुरचरन की जगह में बने हैं तथा सभी कागजपत्र नकली हैं तो उनके पैरों तले जमीन सरक गई और अपने को ठगा महसूस करने लगे।

कल्याण डोंबिवली मनपा द्वारा इमारत का निर्माण हो जाने तक कोई कार्यवाही नही की गई जब कि हर वार्ड में एक ऐसी टीम रखी गई है जो अनाधिकृत निर्माणों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाती है तथा हर दिन रजिस्टर में अनाधिकृत निर्माणों को दर्ज किया जाता है बावजूद इसके कोई कार्यवाही नही की गई जिसके कारण ऐसे कई मामले मनपा क्षेत्र में हो चुके हैं लेकिन मनपा की तरफ से इस धोखाधड़ी के लिए कोई दोषी नही है।

फिलहाल उपरोक्त मामले में तानाजी बबन जाधव व अन्य 11 लोगों की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। धोखाधड़ी के रूप में बिल्डरों द्वारा 2 करोड़ 36 लाख 90 हजार 325 रुपए की धोखाधड़ी की गई है। आर्थिक अपराध शाखा द्वारा मामले की जांच की जा रही है देखना यह है कि मात्र इस मामले में बिल्डर , जमीन मालिक ही दोषी है या आर्थिक अपराध शाखा को मनपा के कर्मचारी भी इसमें संलिप्त मिले है। फिलहाल आम आदमी की खून पसीने की कमाई बिल्डरों के पेट मे पहुँच चुकी है अब वर्षो तक केवल कोर्ट के चक्कर ही उनका एकमात्र विकल्प शेष है।

रिपोर्टर

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