रास्ता न होने से बच्चों को विद्यालय भेजने से कतरा रहे अभिभावक

बरसात के दिनों में विद्यालय आने-जाने में छात्रों को होती है भारी असुविधा


बॉक्स में - 


ग्राम पंचायत और विकासखंड के सहयोग से बनवाया जाएगा रास्ता: बीएस



मार्ग न होने से  मेड़  से ही विद्यालय जाने को नौनिहाल मजबूर


 प्रशासन के उपेक्षात्मक रवैया से त्रस्त अभिभावक और बच्चे





सुईथाकला- विकासखंड सुईथाकला अंतर्गत पूर्व माध्यमिक विद्यालय  मिसिरपुर लखनऊ बलिया राष्ट्रीय मार्ग  से सटा हुआ है.विद्यालय का मुख्य मार्ग से कोई संपर्क मार्ग न होने से नन्हे-मुन्ने,नौनिहालों को खेत की मेड़ पर से होकर विद्यालय आना- जाना पड़ता है. विद्यालय की स्थापना से लेकर अब तक लंबे समय से सरकार और प्रशासन की अनदेखी से विद्यालय के बच्चों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.प्रशासन की उदासीनता के कारण आवागमन में हो रही भारी असुविधा के चलते छात्रों के अभिभावक भी विद्यालय भेजने से कतरा रहे हैं. जहां एक तरफ कॉन्वेंट स्कूल तमाम सुविधाओं से लैस हैं वहीं  परिषदीय विद्यालय में आने जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है जिसके कारण असुविधा का दुष्परिणाम गरीबों के बच्चों के भविष्य पर पड़ रहा है.उनके पास कॉन्वेंट में भेजने के लिए पर्याप्त धन नहीं है. विद्यालय के प्रति प्रशासन के उपेक्षात्मक  रवैये से बच्चों और अभिभावकों में असंतोष व्याप्त है.छात्रों और  अभिभावकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,जिलाधिकारी अनुज कुमार झा,जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ.गोरखनाथ पटेल  से जल्द से जल्द संपर्क मार्ग बनवाने की मांग किया है.अभिभावकों ने कार्रवाई न किए जाने पर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है. प्रधानाध्यापक विनय कुमार सिंह ने बताया  कि यदि विद्यालय का संपर्क मार्ग  बन जाएगा तो आवागमन में हो रही असुविधा से निजात मिलेगी.


 आवागमन की इस समस्या के हल होने से न केवल बच्चों को  विद्यालय आवागमन में सुविधा होगी बल्कि इससे और भी बच्चे विद्यालय आने के लिए आकर्षित होंगे.इसका सकारात्मक प्रभाव समाज के गरीब तबकों पर पड़ेगा.रामसागर सिंह महिला महाविद्यालय एवं संत प्रसाद सिंह मेमोरियल पब्लिक स्कूल मिसिरपुर  विद्यालय के मुख्य गेट मुख्य मार्ग से कच्चा चकरोड बना हुआ है. यदि इसी कच्चे चकरोड को आरसीसी या पीच बना दिया जाए तो जूनियर हाई स्कूल से कच्चे मार्ग की दूरी बहुत कम है इससे एक लिंक रोड निकल जाए जो सरकारी स्कूल को जोड़ देगा. कम लागत में ही अगल-बगल के विद्यालयों के छात्रों के आवागमन में हो रही असुविधा अपने आप समाप्त हो जाएगी. सरकार पर बढ़ने वाला आर्थिक बोझ भी कम हो जाएगा. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ.गोरखनाथ पटेल से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि  बच्चों की शिक्षा व्यवस्था में किसी भी प्रकार की समस्या को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा. ग्राम पंचायत से लेकर विकासखंड के अधिकारियों के सहयोग से आवागमन के लिए मार्ग बनवाया जाएगा. जिलाधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग में व्यस्त थे जिससे संपर्क नहीं हो सका

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