भारत की सनातन परंपरा को विदेशी भी कर रहे अंगीकार :डॉ उमेश चंद्र तिवारी

सुइथाकला।। विकासखंड क्षेत्र के  समोधपुर -जमौली तिराहा स्थित राम लवट अग्रहरि के निजी आवास पर 25 मई को श्रीरामचरितमानस पाठ का आयोजन हुआ।कार्यक्रम में पहुंचे ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि डॉ.उमेश चंद्र तिवारी गुरुजी ने श्रीरामचरितमानस के मानव जीवन में महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित यह अद्भुत और अनुपम ग्रंथ है जिसमें मानव जीवन के समस्त नैतिक मूल्य निहित हैं।गुरुजी ने कहा कि यदि दया,करुणा ,प्रेम ,एकता, परोपकार  तथा विश्व बंधुत्व की भावना में कमी आ रही है तो इसका एकमात्र कारण है कि हम श्रीरामचरितमानस को मानते हैं किंतु उनमें निहित आदर्शों को नहीं मानते।विश्व गुरु बनने की तरफ अग्रसर भारत देश की संस्कृति,सभ्यता और वैदिक सनातन परंपरा को विदेशी भी अपना रहे हैं।

गांधी स्मारक विद्यालय संकुल के प्रबंधक हृदय प्रसाद सिंह रानू ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामचंद्र जी का जीवन  संपूर्ण मानव जाति के लिए आदर्श है।उन्होंने बताया कि माता सीता जी का जीवन हर भारतीय नारी ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की स्त्रियों के लिए अनुसरण करने योग्य है।श्री गांधी स्मारक इंटर कॉलेज समोधपुर के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. रणजीत सिंह ने श्री राम चरित मानस को इंसान के जीवन के लिए आचार संहिता बताया।पूर्व प्रधानाचार्य ने कहा कि समाज में राजा,व्यक्ति और गुरु को क्या करना चाहिए इसकी शिक्षा हमें इस ग्रंथ से मिलती है। जीवन के बड़े गूढ़ रहस्यों को तुलसीदास जी ने सरल भाषा में समझाया है।इससे हमें विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करने की शक्ति  मिलती है. इस अवसर पर  डॉ .राजेश चंद्र तिवारी,सूरज कुमार उपाध्याय समीक्षा अधिकारी,श्यामू वर्मा (सेक्शन इंजीनियर रेलवे), प्रसेनजित सिंह, जितेंद्र बहादुर सिंह बबलू,संदीप मौर्य, लल्लन मौर्य, प्रेमचंद अग्रहरी,संदीप कुमार अग्रहरी आदि उपस्थित रहे.

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