सर्वे रिपोर्ट के नाम पर लाइनमैन ने मांगी रिश्वत, ऑडियो वायरल

उपभोक्ता ने उच्चाधिकारियों से किया लिखित शिकायत, कार्यवाई का भरोसा


बरसठी ।। क्षेत्र में विद्युत विभाग की मनमानी चरम पर है। आवदेन के बाद विद्युत कनेक्शन हो या न हो, लोगो के घरों में बिजली पहुचे या न पहुंचे मगर बिजली विभाग में भ्रष्टाचार की लाइन में लगातार करंट दौड़ता रहता है। कनेक्शन के लिए आवेदकों से सत्यापन के नाम पर विद्युत उपखंड बरसठी के अधिकारियों की मिलीभगत से जमकर धनउगाही हो रही है। जबकि नियम है कि, आवदेक का घर अगर बिजली खंभे से 40 मीटर की दूरी पर है तो उसे कोई चार्ज नही देना होगा, लेकिन दूरी चाहे जितनी हो बिना जेब गर्म किए सत्यापन करवा पाना बहुत ही मुश्किल कार्य है। मामला बरसठी क्षेत्र के विद्युत उपकेंद्र है जहां एक किसान विद्युत नलकूप कनेक्शन के लिए आवेदन किया है लेकिन पिछले तीन महीनों से रोककर रखा गया है। आरोप है कि, सत्यापन करने के लिए सरकारी लाइनमैन सुरेश मौर्या द्वारा फोन कर उपभोक्ता से अधिकारियों के नाम पर रिश्वत मांगी जा रही है। जिसका ऑडियो क्लिप सोशल साइट्स पर वायरल हो रहा है। वायरल क्लिप में लाइनमैन द्वारा बताया जा रहा है कि कुल छः कनेक्शन में से पांच भेजा जा चुका है आप भी मिलकर मांग पूरी कर दो जेई साहब से सत्यापन करवा कर भेज दूंगा।थकहार कर पीड़ित उपभोक्ता आशीष पांडेय ने विद्युत मुख्य अभियंता एवं विद्युत अधिशासी अभियंता से लिखित शिकायत व ऑडियो क्लिप के आधार पर कार्यवाई की मांग किया। मालूम हो कि, बिजली का नया कनेक्शन लेने की व्यवस्था पूर्णत: आनलाइन है। सहज जन सेवा केंद्र के माध्यम से विभागीय वेबसाइट पर आवेदन करना होता है। फिर यह आवेदन विभागीय पोर्टल पर आता है। जिसके बाद औपचारिकता पूरी करवाकर जेई को रिपोर्ट लगानी होती है। इसी औपचारिकता को पूरी कराने व रिपोर्ट लगाने के नाम पर आवेदकों का शोषण हो रहा है। लाइनमैन आवेदक से संपर्क साधता है और रिपोर्ट लगवाने के नाम पर घर और खंभे की दूरी का हवाला देकर एक हजार से पांच हजार रुपये के बीच लेन-देन तय करता है। अगर किसी ने रकम देने में आनाकानी की तो जेई की रिपोर्ट में औपचारिकता पूरी न होने का जिक्र कर आवेदन निरस्त करने की संस्तुति कर दी जाती है। जिसके बाद आवेदक को दोबारा इसी प्रक्रिया को अपनाना पड़ता है। विद्युत विभाग में भ्रष्टाचार का यह ऑडियो क्लिप तो बस एक बानगी है ऐसे सैकड़ो गावो में विद्युत कर्मचारी इन दिनों घूम-घूम कर वसूली करते रहते है अब ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि, उपभोक्ता द्वारा शिकायत के बाद उच्चाधिकारी विभागीय साख बचाने के लिए क्या कुछ कार्यवाई करते है।

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