भिवंडी की जर्जर सड़कों और इमारतों पर सीएम के सवाल बेअसर जनता के सब्र का बांध टूटा
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Nov 09, 2024
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प्रशासक राज में बढ़ता भ्रष्टाचार, दुर्घटनाओं का सिलसिला जारी
जर्जर इमारतों में भ्रष्टाचार की गूंज, बरसात में मंडराता मौत का साया
जनता की चेतावनी, आंदोलन की तैयारी
भिवंडी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पिछले हफ्ते भिवंडी के कामतघर में एक प्रचार सभा के दौरान शहर की खस्ताहाल सड़कों और जर्जर इमारतों की दुर्दशा पर तीखे सवाल उठाए थे। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से, अब तक प्रशासन की ओर से ना तो सड़कों के गड्ढे भरने की कोई पहल हुई है और ना ही संबंधित ठेकेदारों या पालिका अधिकारियों पर कोई कार्रवाई की गई है। इससे नागरिकों का आक्रोश और बढ़ गया है और वे अब सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं।
भिवंडी में पिछले डेढ़ साल से प्रशासक राज लागू है, जिसके चलते स्थानीय नागरिक तानाशाही और भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे है। कई बार रिश्वत लेते हुए कर्मचारियों को पकड़ा गया है। लेकिन इसके बावजूद भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लगी। सड़कों पर बने गहरे गड्ढों से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। जिनमें कई बाइक सवारों की जान जा चुकी है। सड़क पर बने ये गड्ढे और टूटे पेवर ब्लॉक दोपहिया चालकों के लिए जानलेवा साबित हो रहे है। जहां कई लोग पीछे से आ रही गाड़ियों की चपेट में आकर मौत के शिकार हो रहे है।
बरसात के मौसम में जर्जर इमारतें गिरने की घटनाएं आम हो गई है। जिसमें हर साल कई निर्दोष नागरिक अपनी जान गंवाते है। आरोप है कि केवल उन्हीं इमारतों को तोड़ा जाता है जहां से रिश्वत मिलती है। जबकि अन्य खतरनाक इमारतें लोगों की जान पर खतरा बनी रहती है। इस भ्रष्टाचार के चलते शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर बदहाल है, और लोगों की जान पर हमेशा खतरा मंडराता रहता है।
भिवंडी के नागरिक अब प्रशासन की इस लापरवाही से तंग आ चुके है। रावजी नगर के समाजसेवक अब्दुलगनी खान ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही सड़कों के गड्ढों की मरम्मत नहीं की गई, तो जनता सड़क पर उतर कर आंदोलन करेगी। उनका कहना है, "प्रशासन की लापरवाही से भिवंडी के लोग रोजाना अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। अब और चुप नहीं बैठा जाएगा।"
मुख्यमंत्री के सवालों के बावजूद भी प्रशासन की सुस्ती और भ्रष्टाचार पर अंकुश ना लगने से जनता का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। भिवंडी के लोग अब यह जानना चाहते हैं कि आखिर कब उनकी आवाज सुनी जाएगी और कब उनके जीवन को सुरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे ? पालिका आयुक्त अजय वैद्य के कार्यशैली पर प्रश्न निर्माण किया जा रहा है।
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