
सुहाग की रक्षा के लिए महिलाओं ने की वटवृक्ष की पूजा
- सुनील कुमार, जिला ब्यूरो चीफ रोहतास
- May 26, 2025
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रोहतास।अखण्ड सुहाग की कामना के साथ रोहतास जिले की हजारों सुहागिन महिलाओं ने सोमवार को वट सावित्री व्रत धारण कर वट वृक्ष की पूजा अर्चना किया।वट वृक्ष के नीचे पूजा अर्चना करने के बाद सुहागिन महिलाएं अपने घर जाकर ताड़ या बांस के पंखे से अपने पति को हवा देकर पति का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेने की परंपरा है। जिले के भलुनीधाम, सासाराम,डिहरी , विक्रमगंज,किशुनपुरा,सरांव बाजार में वट पेड़ के नीचे पूजा- अर्चना कर ब्राह्मणों से कथा सुनी।
सोमवार को अमावस्या तिथि रोहिणी नक्षत्र के कृष्ण पक्ष धृति योग में जिले भर में पूरी श्रद्धा से वट सावित्री पूजन किया गया। वट सावित्री पूजन कर सुहागिनों ने अखंड सौभाग्य का वर मांगा। पति की दीर्घायु के साथ ही सभी ने धन-धान्य और आरोग्य की कामना की। पूजन के क्रम में महिलाओं ने वट वृक्ष की प्रदक्षिणा की और वृक्ष में रक्षासूत्र बांधा। विधिपूर्वक पूजन करने के बाद सुहागिन महिलाओं ने दान- दक्षिणा भी दिया। वट सावित्री व्रत पर महिलाओं ने नये कपड़े पहन सोलहों श्रृंगार किया। हाथ में मेहंदी रचाई। कुछ ने निर्जला उपवास किया तो कुछ ने फलाहार कर पूजन किया। सुहागिनों ने विधिपूर्वक पूजन किया। इसके तहत वट वृक्ष के नीचे ब्रह्म देव, देवी सावित्री और सत्यवान की मूर्ति को भी स्थापित किया। फिर उनका जल से अभिषेक कर पूजा सामग्री चढ़ाई। रक्षा सूत्र या कच्चा सूत लेकर उस बरगद के पेड़ की परिक्रमा 07 बार या 11 बार या 108 बार करते हुए उसमें लपेट दिया। इसके बाद आसन पर बैठ कर वट सावित्री व्रत की कथा सुनी। अंत में ब्रह्म देव, सावित्री और सत्यवान की आरती की गई। पूजन के लिए सुहागिनों ने पांच तरह के फल-पकवान आदि से डलिया भर रखा था। अलसुबह ही वट वृक्ष के समक्ष डलिया रखकर बांस के पंखे पर पकवान आदि रखकर सावित्री और सत्यवान की कथा आरंभ हो गई थी। कई जगहों पर सुहागिनों ने खुद ही कथावाचन की भूमिका निभाई तो कई स्थानों पर विप्रजनों ने कथावाचन किया। वट सावित्री की पूजा के समय महिलाओं ने शुभकारी प्रभाव के लिए अपने बालों में बरगद के पत्ते लगाए। बांस के पंखा में भी लाल धागा बांधकर पूजा करने के बाद वटवृक्ष को ही पहले पंखा झेलने की परंपरा निभाई। इसके बाद घरों में लौटकर पति को पंखा झला, उनके पांव छुए और अखंड सौभाग्य का आशीष पाया।
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