नवजात शिशु व छोटे बच्चों के पोषण को न करें नजरंदाज

- नवजात शिशु के स्तनपान एवं शिशु आहार को लेकर किया जा रहा जागरूक

- नवजात शिशु के स्तनपान एवं छोटे बच्चों के आहार को लेकर चिकित्सक एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी को प्रशिक्षित किया गया

बक्सर, 17 जुलाई ।। कोरोना संक्रमण के कारण नवजात शिशु एवं छोटे बच्चों के पोषण को बाधित होने से बचाने का भी प्रयास किया जा रहा है। इस क्रम में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कोरोना महामारी के दौरान नवजात शिशु के स्तनपान एवं छोटे बच्चों के आहार को लेकर चिकित्सक एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी को प्रशिक्षित किया गया है। जिससे शिशु जन्म के एक घन्टे के भीतर शिशुओं को स्तनपान कराने से नवजात शिशु मृत्यु दर में 20 फीसद की कमी लायी जा सकती है। राज्य सरकार ने 6 माह तक सिर्फ स्तनपान करने वाले शिशुओं में डायरिया से 11% एवं निमोनिया से 15% तक कम मृत्यु की संभावना को कम करने की ठानी है। इस क्रम में जिले के सभी परियोजनाओं को 6 माह तक शिशुओं को सिर्फ स्तनपान कराना चाहिए एवं 6 माह के बाद शिशु को संपूरक आहार देना शुरू कराने के लिये अभियान शुरू किया गया। 

शिशु को स्तनपान कराना बेहद जरूरी : 

बक्सर सदर प्रखंड के स्वास्थ्य उत्प्रेरक प्रिंस कुमार ने बताया,जन्म के पहले घंटे में  शिशु के बेहतर विकास के लिए कम से कम 2 साल के शिशु को स्तनपान कराना जारी रखना चाहिए। उन्होंने बताया, स्तनपान नवजात के लिए प्रथम टीकाकरण का काम करता है एवं कई कुपोषणजनित रोगों से बचाता है। जन्म के पहले घंटे में माता को अपने नवजात शिशु को स्तनपान हर हाल में करना चाहिए।

 मां में बुखार, खांसी या सांस लेने में कोई तकलीफ जैसे लक्षण दिखने पर :

- तुरंत चिकित्सक से सलाह लें 

- बच्चे के संपर्क में आने पर मास्क पहनें, खांसते या छींकते समय मुंह को रुमाल या टिश्यू पेपर से ढकें

- किसी भी तरह के सतह को छूने के बाद हाथों को पानी एवं साबुन से 40 सेकंड तक धोएं या अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें 

मां यदि स्तनपान नहीं करा सकती हैं तो ये करें :

- अपना दूध कटोरे में निकाल लें। इसके लिए हाथों को साबुन या अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर  से 40 सेकंड तक साफ करें। जिस कटोरी में दूध निकालें उसे अच्छी तरह गर्म पानी एवं साबुन से धो लें।

- अपना निकला हुआ दूध पिलाने से पहले भी मास्क का इस्तेमाल करें। साथ ही चम्मच को भी अच्छी तरह साफ कर लें।

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