टीके से वंचित गर्भवती व धातृ माताओं को प्राथमिकता के आधार पर दी जाएगी वैक्सीन

बक्सर ।। जिले में लोगों को कोविड-19 के वैक्सीन की पहली डोज देने की गति बढ़ाई जा रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जिला प्रशासन व स्वास्थ्य समिति ने पहली डोज लेने की समय सीमा 30 नवंबर तक निर्धारित की है। वहीं, 18 वर्ष एवं इससे अधिक उम्र वाले एक भी व्यक्ति कोविड-19 वैक्सीन से वंचित नहीं रहें, इसको लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है। इस क्रम में एक भी गर्भवती और धातृ माताएं कोविड वैक्सीनेशन से वंचित नहीं रहें, इसके लिए ऐसे महिलाओं को चिह्नित कर प्राथमिकता के आधार पर यथाशीघ्र टीकाकृत करने का निर्णय लिया गया है। इसे सुनिश्चित करने को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर राज्य के सभी सिविल सर्जन एवं अस्पताल अधीक्षक को आवश्यक निर्देश दिए हैं तथा अपने स्तर से भी जरूरी पहल कर इसे सुनिश्चित करने को कहा है। ताकि जल्द से जल्द शत-प्रतिशत गर्भवती और धातृ महिलाओं का भी वैक्सीनेशन सुनिश्चित हो सके और सामुदायिक स्तर पर लोग इस महामारी से खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें। 

गर्भवती व धातृ महिलाओं के लिए सुरक्षित है कोविड वैक्सीन : 

डीआईओ डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया, गर्भवती और धातृ महिलाओं के लिए भी कोविड वैक्सीन ना सिर्फ सुरक्षित है बल्कि, जरूरी और प्रभावी भी है। जो भी ऐसी महिलाएं किसी भी कारण वश अबतक वैक्सीन नहीं ले पायीं हैं, वह पूरी तरह निर्भीक होकर वैक्सीनेशन कराएं और इस महामारी के खिलाफ सुरक्षित समाज निर्माण में सहयोग के लिए आगे आएं। वैक्सीन लेने से किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी। बल्कि, आपके साथ-साथ गर्भस्थ शिशु भी इस  महामारी के प्रभाव से सुरक्षित होगा। उन्होंने बताया, जिले में अब तक जिन लोगों ने टीके की पहली या दूसरी डोज या फिर दोनों डोज नहीं लिया है, उनको हर घर दस्तक के तहत चिन्हित किया जा रहा है। जिसका संचालन जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अपने अपने स्तर पर कर रहे हैं।

फ्रंट लाइन वर्कर्स के सहयोग से किया जा रहा चिह्नित : 

डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया, वैक्सीन से वंचित गर्भवती व धातृ महिलाओं को चिह्नित करने के लिए संबंधित क्षेत्र की एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं व फ्रंट लाइन वर्कर्स को जिम्मेदारी दी गयी है। ऐसे महिलाओं को चिह्नित कर सूची तैयार कर रजिस्ट्रेशन की जाएगी। जिसके बाद प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने बताया हर घर दस्तक अभियान में पोलियो टीकाकरण की तर्ज पर घरों की मार्किंग किया जा रहा है। टीम के सहयोग के लिए क्षेत्र भ्रमण और फ़ोन के माध्यम से परामर्श दिया जा रहा है। वहीं, अभियान के दौरान कुछ भ्रांतियों से ग्रस्त लाभार्थियों को समझा बुझाकर टीकाकरण के लिए राजी किया जा रहा है।

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