सुरक्षित प्रसव के लिए पौष्टिक एवं प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन करें गर्भवती महिलाएं

- जिले के सभी पीएचसी व सदर अस्पताल में उपलब्ध है एएनसी जांच की सुविधा

- गर्भावस्था के दौरान किसी प्रकार की शारीरिक पीड़ा होने पर तुरंत चिकित्सकों से कराएं जांच

बक्सर ।। किसी भी नवदम्पति व दम्पति के लिए गर्भधारण के साथ सुरक्षित व सामान्य प्रसव की पहली चाहत रखती है। जिसके लिए वे अपनी सुविधा अनुसार तैयारी करते हैं। लेकिन, कुछ गर्भवतियों को प्रसव के दौरान काफी समस्यों का सामना करना पड़ता है। इसके जरूरी यह हो जाता है कि गर्भवती महिलाएं खुद के साथ अपने गर्भ के पल रहे शिशु के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें। साथ ही, सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए महिला को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना बेहद जरूरी है। तभी सुरक्षित प्रसव और स्वस्थ बच्चे का जन्म हो सकता है। वहीं, लगातार गिरते तापमान व संभावित संक्रमण के प्रसार को देखते हुए स्वास्थ्य के प्रति और सजग रहना चाहिए। दूसरी ओर, गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक और प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन करना बेहद जरूरी है। इससे ना सिर्फ सुरक्षित प्रसव संभव होगा, बल्कि स्वस्थ बच्चे का जन्म भी होगा। 

सुविधा अनुसार जांच करा सकती हैं गर्भवतियां : 

अपर मुख्य चिकित्सा प्रभारी डॉ. अनिल भट्ट ने बताया, अमूमन देखा जाता है कि कई बार पौष्टिक आहार खाने के बावजूद गर्भवतियों को प्रसव के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वे समय समय पर प्रसव पूर्व जांच नहीं कराती हैं। प्रसव पूर्व जांच इसलिए जरूरी होता है कि जांच में पता चल सके की महिलाओं के पोषण स्तर में किसी की कमी तो नहीं है। उन्होंने बताया, जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एएनसी जांच की सुविधा उपलब्ध हैं। जहां पर गर्भवती महिलाएं अपनी सुविधा अनुसार जांच करा सकती हैं। साथ ही, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत निःशुल्क एएनसी जांच के लिए शिविर का आयोजन किया जाता है।

गर्भस्थ शिशु भी स्वस्थ व मजबूत होता है :

डॉ. अनिल भट्ट ने बताया, जब गर्भवती महिला शारीरिक और मानसिक रूप से पूर्णतः स्वस्थ रहेंगी। इसके लिए महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान समय-समय पर जांच करानी चाहिए और चिकित्सा परामर्श का पालन करना चाहिए। साथ ही पौष्टिक और प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन करना भी बेहद जरूरी है। इससे न सिर्फ महिलाएं स्वस्थ रहती हैं, बल्कि गर्भस्थ शिशु भी स्वस्थ व मजबूत होता है। उन्होंने बताया, अगर कोई महिला गर्भधारण के बारे में सोच रही है तो उन्हें तीन-चार माह पूर्व से योजना बनानी चाहिए और सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ रहना चाहिए। ताकि गर्भावस्था से लेकर प्रसव तक किसी प्रकार की अनावश्यक परेशानियां उत्पन्न नहीं हो। 

सही उम्र में गर्भधारण बेहद जरूरी : 

  1. कम उम्र में गर्भधारण होने से हमेशा समय पूर्व प्रसव होने की संभावना बनी रहती है। इसलिए गर्भधारण के लिए महिलाओं का सही उम्र होना भी बेहद जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर महिलाओं को कई प्रकार की जटिल परेशानियों से जूझना पड़ जाता है। इसलिए, गर्भधारण के लिए महिलाओं का कम से कम 20 वर्ष का होना जरूरी है। इसलिए, इस उम्र में ही गर्भधारण कराना चाहिए। ताकि, किसी प्रकार की अनावश्यक परेशानी उत्पन्न नहीं हो।

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