एक या इससे कम मरीज मिलने पर ही पंचायत को माना जाएगा टीबी मुक्त : डॉ. प्रसाद

टीबी मुक्त पंचायत अभियान को लेकर एमओआईसी ने की जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक

- टीबी के लक्षणों की पहचान की दी जानकारी

बक्सर ।। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत के अंतर्गत टीबी मुक्त पंचायत अभियान को सार्थक रूप देने के उद्देश्य से जिला यक्ष्मा केंद्र पूरी तत्पर है। जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने में जुटा हुआ है। इस क्रम में गुरुवार को डुमरांव प्रखंड अंतर्गत नंदन पंचायत में बैठक का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता करते हुए प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. आरबी प्रसाद ने बैठक में शामिल पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और ग्रामीणों को टीबी मुक्त पंचायत कार्यक्रम की जानकारी दी। साथ ही, उन्हें टीबी के लक्षणों की पहचान करने के संबंध में बताया। ताकि, ग्रामीण भी अपने स्तर से टीबी के लक्षणों की पहचान करते हुए इसकी सूचना जिला यक्ष्मा केंद्र या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारियों या कर्मियों को दे सकें।

डॉ. आरबी प्रसाद ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत अभियान के तहत पंचायतों का चयन किया जा चुका है। जिसमें एक हज़ार की जनसंख्या पर लगभग 30 टीबी के लक्षण वाले मरीजों की खोज की जाएगी। मरीज मिलने के बाद प्रतिवर्ष उस पंचायत में सहयोगी संस्थाओं के सहयोग से अभियान चलाया जाएगा। जहां एक या इससे कम मरीज मिलने की स्थिति में उक्त पंचायत को टीबी मुक्त माना जाएगा। कार्यक्रम के दौरान रोगियों को उचित परामर्श और समुचित उपचार के साथ ही आमजनों को जागरूक किया जाएगा। अभियान की शत प्रतिशत सफलता के लिए योजना और रणनीति के तहत कार्य किया जा रहा है। टीबी मुक्त पंचायत बनाने के लिए स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधियों, चिकित्साकर्मी, सहयोगी संस्थाओं, टीबी चैंपियन और ग्रामीणों की सहभागित के साथ विभिन्न गतिविधियों का भी आयोजन किया जाएगा। 

घर घर जाकर टीबी के लक्षण वाले मरीजों की खोज करेंगी आशा :

बीसीएम अभिषेक कुमार ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत अभियान के तहत पंचायत के सभी घरों में टीबी मरीजों की खोज की जाएगी। जिसका माइक्रोप्लान तैयार हो चुका है। जिसके तहत सभी आशा कार्यकर्ता अपने अपने संबंधित क्षेत्र में निर्धारित तिथि से घर घर जाकर टीबी के लक्षण वाले मरीजों की खोज करेंगी। जिसके बाद उन लक्षण वाले मरीजों के स्पूटम का सैंपल लेंगी और उनके घरों की मार्किंग करेंगी। जिसके बाद इन सैंपल की जांच की जाएगी और जिन लोगों में टीबी की पुष्टि होगी, उनका रजिस्ट्रेशन करते हुए तत्काल इलाज शुरू किया जायेगा। साथ ही, उनके परिजनों में भी टीबी की जांच की जायेगी। ताकि, टीबी के प्रसार की संभावना को मिटाया जा सके।

टीपीटी के तहत दवा सेवन करने वाले ग्रामीणों का किया जायेगा फॉलोअप: 

बैठक के दौरान एसटीएस रवि शेखर कुमार ने बताया कि अभियान के क्रम में टीबी प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट (टीपीटी) की दवा सेवन करने वाले ग्रामीणों का भी दीर्घकालीन फॉलोअप किया जायेगा। ताकि आगामी 2025 तक जिले सहित राज्य और देश को टीबी मुक्त किया जा सके। इस क्रम में डोर टू डोर भ्रमण कर रोगमुक्त हुए व्यक्ति और परिवार के सदस्यों के साथ बैठक कर लक्षण से संबंधित जानकारी और अनुभव लिया जायेगा। ताकि ग्रामीण स्तर पर टीबी बीमारी से ठीक हुए मरीज और उनके परिवार के सदस्यों से मिलकर बीमारी से संबधित लक्षणों की जानकारी ली जा सके। 

बैठक में मुखिया रामजी सिंह यादव, एएनएम लालपरी देवी, आशा फैसिलिटेटर अनिता देवी, वार्ड सदस्य उमा शंकर, वार्ड सदस्य अश्विनी कुमार, गुड्डू साह, कमलेश राम, सुमित राय व अन्य लोग मौजूद थे।

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