गिरजाशंकर इंटर कालेज के प्रधानाचार्य पंडित सर्वेशचंद्र द्विवेदी को मातृशोक

जौनपुर ।। निभापुर ग्रामीणांचल के रहिवाशी पंडित अखिलेश द्विवेदी एवं गिरजाशंकर इंटर कालेज के प्रधानाचार्य पंडित  सर्वेशचंद्र द्विवेदी की माताजी स्व. सरस्वती देवी निधन की खबर को सुनते ही सम्पूर्ण ग्रामीणांचल में शोक की लहर दौड़ गयी और आनन फानन में शोकाकुल परिवार एवं ग्रामीणांचल एकत्रित हो उठा।

एक कहावत है कि, बाढ़े पूत पिता के धर्मे-उपजे खेती अपने कर्में।

माता स्व. सरस्वती देवी ने एवं देव पुत्र पिता स्व. पण्डित रामाश्चर्य द्विवेदी ने जो संस्कार अपने पुत्रों को दिए वो शायद ही अब किसी को मिल पायेगा सम्पूर्ण द्विवेदी परिवार ने जीस तरह माता की तरही का भोज किया उसका संपूर्ण ग्रामीणांचल एवं निभापुर से सटे हुए अनेकों गांव कायल हो गए, सभी कहने लगे कि परिवार हो तो ऐसा, और हो भी क्यों ना क्योंकि पंडित रामाश्चर्य द्विवेदी के निधन के बाद माता सरस्वती देवी ही तो थीं जिन्होंने अपने पुत्रों, अपनी पुत्र वधुवों, नातियों एवं पनति को जिस तरह एक सूत्रीय दिव्य डोरे से बांधे रखा वो शायद दोबारा कहीं कभी देखने को नही मिलेगा।

हम तमाम जनमानस एक साथ ही पृथ्वी पर जन्म लेते हैं पर लच्छण भिन्न भिन्न होते हैं, और इस संदर्भ में गोस्वामी तुलसीदास जी की एक और चौपई उधृत की जा सकती है - 

उपजहिं_एक_संग_जल_माहीं । 

जलज_जोंक_जिमि_गुण_विलगाहीं ।

इसका तात्पर्य यह है कि रक्त चूसने वाली जोंक और कमल पानी मे एक साथ ही उत्पन्न होते हैं किंतु उनके गुणों में कितना विरोधाभास होता है ।

जिनके भीतर छल-कपट-द्वेष-क्रोध एवं ईर्ष्या नहीं होती वे हर तरह से दयालु होते हैं। तेरही के दिन सभी वंदनीय उपरोहित द्विवेदी परिवार, ग्रामीणांचल के वरिष्ठ जन एवं अतिथियों के हांथों से द्विवेदी परिवार ने गरीबों को दिल खोल कर कंबल एवं खाने पीने की सामग्री वितरित की गयी।

इस दुख की घड़ी में प्रमुख रूप से प्राइमरी शिक्षक संघ के अध्यक्ष राजीव रत्नम तिवारी, प्रबंधक हरिशंकर तिवारी, उप-प्रबंधक कपिलदेव पाण्डेय, अनिल चौबे,दयाराम तिवारी,ओम प्रकाश तिवारी, गणेश यादव,विजय यादव, हिमकर पाण्डेय,संजय मिश्रा, चंद्रमणि आदि सम्मलित हुए ।

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