नाइट ब्लड सर्वे के आधार ही प्रखंडों में संचालित किया जाएगा एमडीए राउंड
- रामजी गुप्ता, सहायक संपादक बिहार
- Jun 28, 2024
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- प्रखंडों में एक व इससे अधिक एमएफ रेट होने पर ही लोगों को खिलाई जाएगी फाइलेरिया रोधी दवाएं
- एनबीएस की पहली रात एसीएमओ ने किया साइट्स का औचक निरीक्षण, तीन पर कार्रवाई का आदेश
आरा ।। जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर शुरू होने वाले सर्वजन दवा सेवन (एमडीएम) राउंड के लिए नाईट ब्लड सर्वे (एनबीएस) की शुरुआत हो चुकी है। इसके लिए जिले के प्रत्येक प्रखंड में दो-दो साइट्स बनाए गए हैं। जिनमें एक सेंटिनल और दूसरा रैंडम साइट का निर्धारण किया गया है। इन साइट्स पर स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा 300-300 लोगों के खून का सैंपल लेना है। ताकि, उन सैंपल की जांच कर जिले में माइक्रो फाइलेरिया की दर का पता चलाया जा सके। साथ ही, माइक्रो फाइलेरिया की दर के आधार पर ही प्रखंडों में एमडीए राउंड का संचालन किया जाएगा।
इस क्रम में सिविल सर्जन डॉ. ईला मिश्रा ने बताया कि जिले के 13 प्रखंडों और आरा सदर व ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर कुल 30 साइट्स का निर्धारण किया गया है। जहां पर लोगों के खून के सैंपल लेने के लिए रात 8:30 बजे से लेकर मध्य रात्रि 12:00 बजे तक शिविर का संचालन किया जाएगा। इस दौरान निर्धारित गांव में फ्रंट लाइन वर्कर्स के माध्यम से 20 व उससे अधिक उम्र के महिला व पुरुषों के खून के नमूने लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि एनबीएस की रिपोर्ट में अगर माइक्रो फाइलेरिया का प्रसार दर एक व इससे अधिक प्रतिशत में आएगा, तो उसे प्रखंड में एमडीए का संचालन किया जाएगा। यदि माइक्रो फाइलेरिया दर एक प्रतिशत से कम आएगा तो उक्त प्रखंड में एमडीए का संचालन नहीं किया जाएगा।
प्रखंडों में फाइलेरिया मरीजों के आधार पर किया सेंटिनल साइट्स का चयन :
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. केएन सिन्हा ने बताया कि सेंटिनल साइट्स का चयन प्रखंडों में फाइलेरिया मरीजों के आधार पर किया गया है। जिसमें अगिआंव के बड़गांव, आरा सदर के पिरौटा, आरा ग्रामीण के धरहरा, बड़हरा के नेकनाम टोला, बिहिया के बिहिया, चरपोखरी के नगरी, गड़हनी के काऊप, जगदीशपुर के दावा, कोइलवर के कोसिहन, पीरो के पंचरूखिया, सहार के कोलडिहरी, संदेश के अहिमनचक, शाहपुर के बिलौटी, तरारी के बिहटा व उदवंतनगर के स्थानीय गांव का चयन किया गया। इन गांवों में फाइलेरिया मरीजों की कुल संख्या 467 है। दूसरी ओर, रैंडम साइट में बेराथ, धोबहां, गौसगंज वार्ड नंबर 05, बभनगांवा पूर्वी, पिपरा जगदीश, बगही, पिपरा, केशवपुर, पुराना हरिपुर, डोमन डिहरी, पेरहाप, नसरतपुर, दामोदरपुर, पूर्वी इंग्लिश व चकरदह गांव का चयन किया गया है। जहां पर एनबीएस का संचालन किया जा रहा है।
एनबीएस व एमडीए में बर्दाश्त नहीं की जाएगी लापरवाही :
एनबीएस की पहली रात यानी बुधवार की रात जिले में चयनित गांवों में शिविर लगाकर लोगों के खून के नमूने लिए जा रहे थे। इस बीच एसीएमओ सह डीएमओ डॉ. केएन सिन्हा उदवंतनगर के स्थानीय गांव में संचालित शिविर का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान एमओआईसी डॉ. अभिषेक कुमार, आशा कार्यकर्ता निर्मला देवी व आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका रेणु देवी अनुपस्थित पाए गए। जिसको गंभीरता से लेते हुए एसीएमओ ने तीनों अधिकारियों और कर्मियों पर कार्रवाई की अनुशंसा की। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि तीनों लोगों से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए वेतन काटने की भी अनुशंसा की जाएगी। उन्होंने सख्ती के साथ कहा कि किसी भी हाल में एनबीएस व एमडीए में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हर केंद्र से 300-300 सैंपल लिए जाने हैं, जिसे तय अवधि में पूरा करना है। पंचायत समिति सदस्य कमलेश सिंह, कौशल सिंह, प्रदीप कुमार, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग के वीडीसीएस अजीत कुमार पटेल, एफएलए प्रियंका कुमारी, एएनएम प्रेमा कुमारी व अन्य मौजूद थे।
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