एक जुलाई से शुरू होगा नाइट ब्लड सर्वे, सभी प्रखंडों में दो दो साइट्स चयनित

- नाइट ब्लड सर्वे के लिए लैब टेक्नीशियन को दिया गया प्रशिक्षण, दी गई अभियान की जानकारी

- रात में सक्रिय होते हैं फाइलेरिया के परजीवी, इसलिए रात्रि में होगा शिविर का आयोजन

- रात 8:30 बजे से लेकर 12 बजे तक लिए जाएंगे लोगों के खून के नमूने

बक्सर । फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में नाईट ब्लड सर्वे की शुरुआत एक जून से की जायेगी। इसके लिए जिले के सभी प्रखंडों में दो-दो साइट्स का चयन किया गया है। जहां पर लोगों के खून के नमूने लिए जाएंगे। इस क्रम में नाइट ब्लड सर्वे के सफल संचालन के लिए सेशन साइट्स पर तैनात लैब टेक्नीशियन को प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें उन्हें नाइट ब्लड सर्वे के दौरान खून के नमूने लेने और उसकी जांच करने के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। 

प्रशिक्षण के दौरान अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने नाइट ब्लड सर्वे (एनबीएस) तथा सर्वजन दवा सेवन अभियान (एमडीएम) से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले से फाइलेरिया को पूरी से मिटाने के लिए एमडीए अभियान बेहद जरूरी है। लेकिन एमडीए तभी सफल होगा, जब वहां एनबीएस का रिपोर्ट सटीक आएगा। विभाग के गाइट लाइन्स के अनुसार रात 8:30 बजे से लेकर 12 बजे तक ही साइट्स पर सैंपल लिए जाएंगे। जिसकी जांच सैंपल लेने के 24 घंटों के अंदर कर लेनी है। ताकि, सर्वे के साथ-साथ लिए गए रक्त की स्टैनिंग भी समय से पूरी की जा सके। इसके लिए प्रखंडों के चयनित प्रत्येक साइट पर दो-दो लैब टेक्नीशियन की प्रतिनियुक्ति की जा रही है। जिससे नाइट ब्लड सर्वे का काम समय से पूरा किया जा सके।

खून के नमूनों की जांच कर फाइलेरिया के परजीवी का लगाया जाता है पता :

डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि एक जुलाई से जिले के सभी चयनित साइट्स पर नाइट ब्लड सर्वे का काम शुरू होगा। जिसके तहत फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर वहां रात में लोगों के रक्त के नमूने लिये जाते हैं। जिसे जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाता है। जहां पर खून के नमूनों में फाइलेरिया के परजीवी की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। फाइलेरिया के परजीवी रात में ही सक्रिय होते हैं, इसलिए नाइट ब्लड सर्वे से सही रिपोर्ट पता चल पाता है। इसलिए चयनित साइट्स के गांवों में फ्रंटलाइन वर्कर्स, स्थानीय जनप्रतिनिधि व प्रबुद्ध जनों के साथ मिलकर लोगों को नाइट ब्लड सर्वे को लेकर लोगों को जागरूक करें। जिससे इस अभियान को सफल बनाया जा सके। इसमें स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ सहयोगी संस्थानों की भूमिका भी अहम रहेगी।उन्होंने बताया कि विभाग के अनुसार जिन इलाकों में माइक्रो फाइलेरियासिस का रेट एक प्रतिशत अथवा इससे अधिक होगा वहीं एमडीए अभियान चलाया जाएगा।

जिले में बनाए गए हैं 24 साइट :

इस दौरान वीबीडीसीओ पंकज कुमार ने बताया कि जिले के सदर प्रखंड के शहरी क्षेत्र के पांडेयपट्‌टी समेत जिले में 12 सेंटिनल और 12 रैंडम साइट बनाए गए हैं। जहां पर रात्री में रक्त के नमूने लिए जाएंगे। इसके लिए सदर प्रखंड के शहरी क्षेत्र में पांडेयपट्‌टी व ग्रामीण क्षेत्र में दहिवर, चौसा के सोनपा, राजपुर के तियरा, इटाढ़ी के इटाढ़ी, सिमरी के सिमरी बाजार, डुमरांव के अरियांव, नावानगर के गिरिधर बरांव, केसठ के केसठ, ब्रह्मपुर के देवकुली, चक्की के भोला डेरा तथा चौगाईं के अंबेडकर पट्‌टी पांडेयपुर का चयन किया गया है। इसी प्रकार रैंडम साइट्स में बक्सर के शहरी क्षेत्र का जासो व ग्रामीण क्षेत्र का छोटका नुआंव, चौसा का डिहरी, राजपुर में देवढीया, इटाढ़ी का कुकुढ़ा, सिमरी का आशा पड़री, डुमरांव का पुराना भोजपुर, केसठ का रामपुर, ब्रह्मपुर का स्थानीय गांव, चक्की का भरियार और चौगाईं का स्थानीय गांव शामिल है। इन सभी साइट्स पर 300-300 लोगों के खून का सैंपल लेना है। जिसके लिए संबंधित आशा कार्यकर्ताओं के अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधि, जीविका दीदियों, आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाओं के अलावा शिक्षा विभाग से भी सामनव्य स्थापित कर शिविर का संचालन किया जाएगा। ताकि, ज्यादा से ज्यादा लोगों को शिविर में लाकर उनके खून का सैंपल लिया जा सके।

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