राधा शांता महाविद्यालय का स्थापना दिवस और बाबू राधा प्रसाद सिंह जयंती समारोह मना

रोहतास। जिला के राधा शांता महाविद्यालय तिलौथू में स्थापना दिवस और बाबू राधा प्रसाद सिंह जयंती समारोह का आयोजन धूमधाम से किया गया। इस विशेष कार्यक्रम का उद्घाटन अम्लता बी एड कॉलेज इंद्रपुरी के प्रबंधक सलोनी सिन्हा, समाजसेवी मोहित सिन्हा, रणजीत सिन्हा, पूर्व प्रधानाचार्य सुनील श्रीवास्तव, और महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. अशोक कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से दीप-प्रज्वलन और बाबू राधा प्रसाद सिंह के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पार्पण कर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य डॉ. अशोक कुमार सिंह ने की, जबकि मंच संचालन का दायित्व डॉ. गुलाम हैदर ने निभाया।


महाविद्यालय प्रबंधन की ओर से आए हुए सभी अतिथियों को अंगवस्त्र और पुस्तक भेंटकर सम्मानित किया गया। डॉ. अखिलेश पाण्डेय ने कार्यक्रम के सभी अतिथियों का स्वागत किया।


इसके बाद महाविद्यालय की छात्राओं स्नेहा, मुस्कान, पूजा, मनस्वी, सुगंधा, श्वेता ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। इसके साथ ही सरस्वती वंदना की प्रस्तुति भी दी गई। महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने अपने सांस्कृतिक कार्यक्रमों से समारोह में मौजूद दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुस्कान खातुन ने एकल गीत की प्रस्तुति देकर समां बांध दिया। एनएसएस टीम की छात्राओं आरुही, निहारिका, लक्ष्मी, रौशनीराज, शालु ने "हम होंगे कामयाब" गीत गाकर युवाओं में जोश भर दिया। वहीं, एकल नृत्य प्रस्तुति सिन्धु और शिम्पी ने दी, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।


समारोह में बाबू राधा प्रसाद सिन्हा के व्यक्तित्व और कृतित्व पर डॉ. वीरेन्द्र कुमार मिश्र ने विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। इसके अलावा महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार श्रीवास्तव ने पुराने दिनों को याद करते हुए महाविद्यालय से जुड़ी कई अनमोल यादें साझा कीं। कार्यक्रम में सिन्धु कुमारी द्वारा प्रस्तुत एकल नृत्य "मेरे ढोलना" ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। समारोह के अंत में सचिव रणजीत सिन्हा ने अपने बाबा बाबू राधा प्रसाद सिंह को याद करते हुए उनकी शिक्षा के प्रति गहरी निष्ठा की चर्चा की। उन्होंने भावुक होकर बताया कि उनके बाबा का शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान रहा और उन्होंने हमेशा शिक्षा के महत्व को प्राथमिकता दी।

महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. अशोक कुमार सिंह ने अपने संबोधन में महाविद्यालय के विकास और प्रगति में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों, और छात्रों के योगदान की सराहना की। उन्होंने यह भी बताया कि महाविद्यालय में आने वाले समय में पीजी कोर्स और अन्य शैक्षिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। प्रधानाचार्य ने कहा कि कंप्यूटर शिक्षा, एनसीसी, राष्ट्रीय सेवा योजना, इंदिरा गांधी ओपन विश्वविद्यालय, नालंदा ओपन विश्वविद्यालय, कैंटीन, विभिन्न विषयों की लैब, और जिम जैसी सुविधाएं पहले से ही कॉलेज में उपलब्ध हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगले वर्ष से लाइब्रेरी साइंस कोर्स शुरू करने का प्रयास किया जाएगा।


तिलौथू हाउस के उभरते समाजसेवी मोहित सिन्हा ने कार्यक्रम में शिक्षा की समानता और उसके महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही वह साधन है जो व्यक्ति को सशक्त बनाता है। धन-दौलत बिखर सकती है, लेकिन शिक्षा हमेशा व्यक्ति के साथ रहती है और उसे हर परिस्थिति में मजबूती देती है। उन्होंने विभिन्न सामाजिक समूहों के बच्चों को समान स्तर पर शिक्षा देने की आवश्यकता पर बल दिया।

मोहित सिन्हा ने आगे कहा कि शिक्षा में सफलता तब मिलती है जब बच्चों के परिवार की संपत्ति, आय, या शक्ति उनके शैक्षिक परिणामों को प्रभावित नहीं करती। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही वह साधन है जिससे समाज में समानता लाई जा सकती है और सभी बच्चों को समान अवसर मिल सकते हैं।

समारोह के दौरान बालिका सशक्तिकरण और शिक्षा के प्रसार पर आधारित नृत्य-नाटिका का आयोजन किया गया, जिसे लक्ष्मी, निहारिका, रौशनी, सीमा, आरुही, ऋतु, रीया, अनुष्का, जहाँ आरा, प्रीति, शालु, शैलजा, और सोना ने प्रस्तुत किया। इस नाटिका ने सभी दर्शकों को भावुक कर दिया और लोग अपने-अपने मोबाइल से इस प्रस्तुति को कैद करने में जुट गए।

समारोह के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनिल कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर कई प्रमुख हस्तियां और समाजसेवी भी उपस्थित थे, जिनमें डॉ. विजय बहादुर प्रजापति, एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार, रचना सिन्हा, ओम प्रकाश सिंह, प्रधान श्रीकांत, संतोष कुमार, विनोद कुमार सिंह, रिंकी कुमारी, वीरेंद्र सिंह प्रमुख रूप से शामिल थे। इस भव्य कार्यक्रम ने न केवल शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया बल्कि समाज में बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए भी एक सशक्त संदेश दिया। महाविद्यालय के छात्रों और स्थानीय जनसमूह ने इस आयोजन का भरपूर आनंद लिया।

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