बीसैप का 83 वां स्थापना दिवस संपन्न


 रोहतास।राज्य के सबसे पुरानी बीसैप के द्वितीय वाहिनी का इतिहास शौर्य एवं उपलब्धियों से परिपूर्ण रहा है। वाहिनी की स्थापना एक मार्च 1943 को बिहार सैन्य पुलिस द्वितीय वाहिनी के नाम से यहां किया गया ।

कमांडेंट लिपि सिंह ने उक्त बाते बीसैप के 83 वें स्थापना दिवस के मौके पर कही।उन्होंने कहा कि इस वाहिनी के प्रथम समादेष्टा, जे०ई०जी० चर्चर हुए थे और प्रथम हिन्दुस्तानी समादेष्टा, विभूतिभूषण बनर्जी थे। वाहिनी में उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार इस वाहिनी का गठन भागलपुर मिलिट्री पुलिस के नाम से 18 मई 1898 में हुआ। एक मार्च 1945 को वाहिनी स्थाई रूप से डेहरी में आवासित किया गया। कहा कि 24 मार्च 2021 से बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस-दो के नाम से जाना जाता है।

 उन्होंने कहा कि इस वाहिनी का अतीत गौरवशाली उपलब्धियों से भरा हुआ है। अपने इतिहास को समेटे हुये आज यह वाहिनी अपने भविष्य एवं सुरक्षा सेवा की ओर उन्मुख है।

उन्होंने कहा कि इस वाहनी के जांवाज पुलिसकर्मियों ने अपने अदम्य साहस व वीरतापूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन राज्य के अंदर ही नहीं बल्कि राज्य से बाहर जाकर आम जनता को निभींकता प्रदान किया है।यह वाहिनी आपातकालीन स्थितियों में अपने तत्कालीन समादेष्टा के नेतृत्व में राज्य के बाहर जैसे कलकता बंगाल), जम्मू कश्मीर, दिल्ली, त्रिपुरा में पाकिस्तान बॉर्डर, नामकूम रॉची में पाकिस्तानी युद्धबंदी डियूटी का सफलतापूर्वक निष्पादन किया है। विगत वर्षों में इस वाहिनी की विभिन्न कम्पनियों द्वारा देश के लगभग सभी राज्यों के विधानसभा चुनावों के अवसर पर विधि-व्यवस्था डियूटी का सफलतापूर्वक निर्वहन किया गया है। उन्होंने कहा कि इस वाहिनी के कंधो पर त्रिपुरा में विधि-व्यवस्था कायम रखने की जबावदेही सौपी गयी। जहाँ पर यह वाहिनी 5 मार्च 1962 से 4 अक्टूबर 1966 तक प्रतिनियुक्त रहकर सर्वोतम प्रतिष्ठा प्राप्त किया। जिसके लिए त्रिपुरा के मुख्य सचिव तथा विधानसभा के अध्यक्ष द्वारा इस वाहिनी की सेवा की उत्कृष्ट प्रशंसा की गयी। 

उन्होंने कहा कि रोहतास व गया जिला में कानून एवं शान्ति व्यवस्था कायम रखने के लिए प्रतिनियुक्ति के दौरान ऑपरेशन काल दूत में वाहिनी के जवानों द्वारा उनकी बहादुरी तथा किये गये प्रसंशनीय कार्यों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा पारितोषिक भी मिले है।

उन्होंने कहा कि 20वीं अखिल भारतीय पुलिस शूटिंग प्रतियोगिता 2019 का सफल आयोजन इस वाहिनी के प्रांगण में कराया गया है। सच्चिदानंद अखौरी बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस शूटिंग प्रतियोगिता 2022 का सफल आयोजन भी इस वाहिनी में कराया गया। जिसमें बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस की सभी वाहिनियों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में इस वाहिनी को विजेता होने का गौरव भी प्राप्त हुआ।

उन्होंने बताया कि इस वाहिनी में विगत कई वर्षों से विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण यथा बुनियादी, पूरक, व्यवहारिक, पीटीसी का सफल प्रशिक्षण दिया जाता रहा है। यह वाहिनी प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में भी अपना नाम और अलग पहचान रखती है।

श्रीमती सिंह ने कहा कि 

यह वाहिनी राज्य से बाहर अखिल भारतीय शूटिंग प्रतियोगिता में सम्मिलित होने हेतु बिहार के टीम के खिलाड़ियों का चयन, उनके अभ्यास एवं प्रतियोगिता में भाग लेने संबंधी कार्यों को पूर्ण करने हेतु नोडल कार्यालय के रूप में भी कार्य कर रही है। इस वाहिनी में देश स्तर के फायरिंग रेंज है जिसपर अत्याधुनिक मशिनों के द्वारा फायरिंग होता है।

उन्होंने बताया कि वातानुकूलित अतिथि गृह, मनोरंजन गृह, सभागृह सैलून, कैन्टिन, और वाईफाई कनेक्टेड कार्यालय है। जो यह दर्शाता है कि यह वाहिनी अपने पुरातन उपलब्धियों एवं नुतन व्यवस्थाओं से परिपूर्ण है।कमांडेंट ने वाहिनी के 83 वीं स्थापना दिवस समारोह की हार्दिक बधाई दी।

समारोह का शुभारंभ अमर बलिदानियों के लिए बना हुआ शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित कर किया गया।कमांडेंट ने सलामीगारद का निरीक्षण किया।

 पौधारोपण किया गया।नव निर्मित परेड मैदान का उद्घाटन कमांडेंट ने किया।

धन्यवाद ज्ञापन डीएसपी नरेंद्र शर्मा ने किया।

मौके पर बीसैप डीएसपी नरेंद्र शर्मा, डीएसपी कल्याण आनंद, सेवा निवृत डीएसपी अरुण सिंह, सेवानिवृत्ति डीएसपी जेपी चौधरी, रीडर अनिल सिंह, अध्यक्ष धीरज यादव, मंत्री रवि रंजन कुमार, उपाध्यक्ष अभिमन्यु कुमार, कोषाध्यक्ष महेंद्र कुमार सिंह, संयुक्त मंत्री शांति भूषण तिवारी, अंकेक्षण असलम अंसारी, परेड कमांडर कौशलेंद्र प्रसाद, शिव शंकर चौहान सहित अन्य अधिकारी,कर्मी मौजूद थे।

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