
प्रकृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए कार्य करें स्वैच्छिक संगठन : मोहन नागर
- राजेंद्र यादव, ब्यूरो चीफ, मध्यप्रदेश
- Mar 08, 2025
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राजगढ । म.प्र. जन अभियान परिषद द्वारा स्वैच्छिक संगठनों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन 8 मार्च, 2025 को जिला अंत्योदय प्रबोधन संस्थान में किया गया। उक्त प्रशिक्षण में मुख्य अतिथि म.प्र. जन अभियान परिषद् के उपाध्यक्ष (राज्य मंत्री) श्री मोहन नागर, कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद श्री रोडमल नागर द्वारा की गई। विशिष्ट अतिथि कलेक्टर डॉ.गिरीश कुमार मिश्रा, संभाग समन्वयक श्री वरुण आचार्य, जिला समन्वयक श्री प्रवीण सिंह पंवार उपस्थित रहे।
सांसद श्री रोडमल नागर द्वारा उपस्थित प्रतिभागियों को संस्था के कार्य और उद्देश्य के संबंध में बताते हुए संस्था में कार्यकर्ता का योगदान अति महत्वपूर्ण होता है। संस्था के उद्देश्य और कार्य प्रणाली समाज उपयोगी होना चाहिए। उन्होंने सनातन संस्कृति, वेद, उपनिषद में वर्णित जीवन पद्धति द्वारा अपने प्रकृति के संवर्धन और संरक्षण पर कार्य करने की आवश्यकता जताई।
कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा द्वारा परिषद से जुड़े हुए सभी प्रस्फुटन समितियां और नवांकुर समितियों को शासन की योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में शासन से समन्वय से कर कार्य करने की बात कही। उपाध्यक्ष श्री मोहन नागर द्वारा आदर्श ग्राम की रुपरेखा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि माननीय मुख्यमंत्री जी की मंशानुसार परिषद् प्रत्येक विकासखण्ड एवं तहसील पर आदर्श ग्राम बना रही है, जिसे वृंदावन का नाम दिया गया है। आदर्श ग्राम में जन सूचना केंद्र, वाचनालय, प्रस्फुटन नर्सरी के माध्यम के जन जागरूकता की जा रही है। हमें इस प्रकार का आदर्श ग्राम बनाना है जिससे दूसरे ग्राम प्रेरित हो। जन अभियान परिषद शासन एवं स्वैच्छिक संगठनों के बीच महत्वपूर्ण कड़ी है।
ग्राम विकास प्रस्फुटन समितियों के द्वारा स्वालंबन से ग्रामो में विकास कर रही है। ग्राम विकास के प्रमुख आयाम की चर्चा करते हुए उन्होंने पांच संपदाओं के संरक्षण का आग्रह किया। जिसमें भू-संपदा, वन संपदा ,जल संपदा, पशु संपदा और जन संपदा शामिल है, उन्होंने कहा कि गाय का संरक्षण किसान के घर ही होगा इसलिए प्रत्येक घर में गोपालन करना होगा। पंडित मदन मोहन मालवीय के वाक्य- ग्रामे ग्रामे सभा कार्य, ग्रामे ग्रामे कथा शुभा, मल्ल शाला पाठशाला प्रति पर्व महोत्सव के आधार पर गाँव मे स्वावलंबन के आधार पर कार्य करना पड़ेगा। अतिथिगणों द्वारा संस्थान परिसर में पौधारोपण भी किया गया। प्रशिक्षण की रूपरेखा जिला समन्वयक श्री प्रवीण सिंह पवार द्वारा एवं संचालन विकासखंड समन्वयक श्री मंगल व्यास ने किया। प्रशिक्षण के अन्य सत्रों में स्वैच्छिक संगठनों की संरचना एवं प्रबंधन, महत्वपूर्ण अधिनियमों में पंजीयन, निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर), आदर्श ग्राम की परिकल्पना, सामाजिक अंकेक्षण एवं प्रभाव का आंकलन विषय पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में जिले के समस्त विकासखंड समन्वयक एवं स्वैच्छिक संगठन उपस्थित रहे।
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